राणा अय्यूब को उस समय एयरपोर्ट पर रोका जब वो लंदन जाने के लिए विमान में सवार होने वाली थीं। फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के 1।77 करोड़ रुपए जब्त किए थे। पत्रकार राणा अयूब के 1।77 करोड़ रुपये जब्त किए के बाद प्रवर्तन निदेशालय अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कदम उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उठाया है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर राणा अय्यूब ने ट्विटर पर लिखा, "मुझे आज मुंबई इमिग्रेशन ने यात्रा करने से रोक दिया। मैंने हफ्तों पहले ही इस बारे में ऐलान कर दिया था। तब भी, उत्सुकता की बात यह है कि प्रवर्तन निदेशालय का समन रोक दिए जाने के बाद मेरे इनबॉक्स में पहुंचा।”
क्या है पूरा मामला
लोगों की सहायता के नाम पर धन की उगाही और उस पैसे की गड़बड़ी करने के मामले में प्रोपेगेंडा पत्रकार राना अय्यूब के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत फरवरी 2022 में बड़ा एक्शन लिया था। एजेंसी ने अय्यूब की 1।77 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि राना अय्यूब ने एक साजिश के तहत आम लोगों को धोखा दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय के आदेश में कहा गया था कि राना अय्यूब के घोटाले की शुरुआत तभी से हो चुकी थी, जब उन्होंने पैसा जुटाने के बाद उसे अपने और अपने परिवार के सेविंग अकाउंट से निकालना आरंभ कर दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, अयूब के 50 लाख रुपए के फिक्स्ड अमाउंट नेट बैंकिंग से बुक किए गए और एक अलग करेंट अकाउंट ओपन किया गया। बाद में उसके सेविंग्स बैंक अकाउंट और उसकी बहन और पिता के बैंक अकाउंट से फंड का ट्रांसफर किया गया। मगर Ketto।org के माध्यम से जिस उद्देश्य के लिए धन की उगाही की गई थी, उसके लिए इसका उपयोग नहीं हुआ।
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