किसानों के कल्याण के लिए भी सरकार द्वारा कई नई शुरुआत की गई हैं। इनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान, ई-नाम और पीएम किसान मानधन योजना शामिल हैं। इन उपायों ने न केवल कृषि क्षेत्र को आर्थिक और संसाधन रूप से सशक्त बनाया है बल्कि किसानों को सम्मान भी दिया है।
- कृषि निर्यात नीति 2018 का उद्देश्य है भारत के कृषि निर्यात को 2022 तक बढ़ाकर 4,19,340 करोड़ रुपये (60 अरब अमेरिकी डॉलर) तक ले जाना। इसी तरह सरकार ने भारत से मत्स्य निर्यात को बढ़ाकर 2024-25 तक 1 लाख करोड़ रुपये (14.31 अरब अमेरिकी डॉलर) तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने अप्रैल 2000 और दिसम्बर 2020 के बीच लगभग 10.24 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया।
- कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन द्वारा वित्तवर्ष 2020 में अनुमानत: 19.48 लाख करोड़ रुपये का सकल मूल्य संवर्धन किया गया है। वर्तमान कीमतों पर भारत के सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 में 17.8% थी। यह एक उत्साहजनक संकेत है।
- नवम्बर 2020 में कृषि मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मधुमक्खी पालकों के लिए मधु किसान उत्पादक संगठन स्थापित करने में मदद करने के लिए सहकारी 'नेफेड' कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
- मौजूदा कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) की नेटवर्किंग करके कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए अप्रैल 2016 में शुरू किए गए इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) में मई 2020 तक 1.66 करोड़ किसान और 131,000 व्यापारी पंजीकृत हो चुके थे। केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार ने घोषणा की कि ई-एनएएम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से लगभग 1.68 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया और 1.14 लाख करोड़ रुपये का व्यापार किया गया। अभी 1,000 और मंडियों को एकीकृत किया जा रहा है।
- भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना (पीएमजीएसवाई) का उद्देश्य प्रत्येक किसान के खेत की सिंचाई करना और 'प्रति बूंद अधिक फसल' के आदर्श वाक्य को साकार करने के लिए जल उपयोग दक्षता में सुधार करना है। यह योजना सिंचाई की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करती है। केंद्रीय बजट 2021-22 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को 11,588 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय बजट 2021-22 में कृषि मंत्रालय को 1.33 लाख करोड़ रुपये आवंटित गए हैं। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) शुरू की है और 25 दिसम्बर, 2020 को 9 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 18,000 करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। केंद्रीय बजट 2021-22 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के लिए 65,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय बजट 2021-22 में कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग को 8,514 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं
- नवम्बर 2020 में, एक अग्रणी स्मार्ट सिंचाई समाधान प्रदाता फर्म- नेटएफिम इंडिया – ने भारतीय किसानों के लिए जमीन के ऊपर और नीचे ड्रिप सिंचाई प्रणाली के लिए एक क्रांतिकारी मेनलाइन और सब-मेनलाइन पाइपिंग झ्र फ्लेक्सनेट शुरू की है।
- सितम्बर 2020 में सरकार ने पीएम मत्स्य संपदा योजना, ई-गोपाला ऐप और मत्स्य उत्पादन, डेयरी, पशुपालन और कृषि में कई नई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए। इस योजना के तहत अगले 4-5 वर्षों में 21 राज्यों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- जून 2020 में सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के औपचारिकीकरण की योजना (पीएम-एफएमई) शुरू की। इसमें कुल 35,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। इससे 9 लाख कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार अवसर पैदा होंगे और सूचना और प्रशिक्षण आदि माध्यम से 8 लाख इकाइयां लाभान्वित होंगी।
- मई 2020 में सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अधोसंरचना विकास कोष के शुभारंभ की घोषणा की।
- सरकार ने एमएसपी संचालन के तहत गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये के भुगतान की घोषणा की है।
- 2022-23 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है।
- छोटे किसानों और एमएसएमई के लिए रेलवे नई सुविधाएं विकसित करेगा।
- आयात में कटौती के लिए घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने की युक्तियुक्त योजना।
- फसल मूल्यांकन के लिए किसान ड्रोन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों के छिड़काव से कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर चलने की उम्मीद।
- केन बेतवा नदी जोड़ने की 44,605 करोड़ रुपये की परियोजना।
- 5 नदी लिंक के लिए डीपीआर के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है।
- ग्रामीण उद्यमों की सहायता के लिए वित्त स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन।
- गंगा नदी गलियारे के किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- खरीद के लिए मंत्रालयों द्वारा पूरी तरह से पेपरलेस, ई-बिल सिस्टम शुरू किया जाएगा।
- कृषि वानिकी को अपनाने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
किसानों के कल्याण के लिए भी सरकार द्वारा कई नई शुरुआत की गई हैं। इनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान, ई-नाम और पीएम किसान मानधन योजना शामिल हैं। इन उपायों ने न केवल कृषि क्षेत्र को आर्थिक और संसाधन रूप से सशक्त बनाया है बल्कि किसानों को सम्मान भी दिया है।
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