पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ आने वाले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सियासी पारा बढ़ने और विपक्ष और सत्तापक्ष के समर्थकों के बीच भिड़ंत होने की संभावना की खबरें प्रमुखता से छापी हैं। अखबारों ने बताया है कि विपक्षी दलों के 23 मार्च को इस्लामाबाद का घेराव करने के फैसले की खबरें दी है। दूसरी तरफ 27 मार्च को डी चौक पर सत्ताधारी दलों की तरफ से एक बड़ी रैली करने की खबरें प्रमुखता से छपी हैं।
अखबारों ने बताया है कि स्पीकर असद कैसर ने इस बात की संभावना जताई है कि 29 मार्च को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का फैसला किया जा सकता है। अखबारों ने असद कैसर के ‘न तो सरकार के साथ होने और न ही विपक्ष के साथ होने’ वाले बयान को प्रकाशित किया है। उन्होंने कहा है कि वह कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
अखबारों ने लिखा है कि नाराज सत्ताधारी घटक दलों को मनाने का मिशन प्रधानमंत्री ने खुद संभाल लिया है। अखबारों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लेकर आम पाकिस्तानियों में चर्चा की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि पाकिस्तानी सिर्फ इसी बात पर चर्चा कर रहे हैं कि अविश्वास प्रस्ताव कामयाब होगा या नाकाम। अखबारों ने अविश्वास प्रस्ताव को मद्देनजर सरकार की तरफ से 20 मार्च से 2 अप्रैल तक इस्लामाबाद क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर वहां पर रैंजर्स की तैनाती किए जाने की खबरें भी दी है।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एक सर्वे भी अखबारों में प्रकाशित हुआ है जिसमें बताया गया है कि 80 फीसदी पाकिस्तानियों का मानना है कि इमरान खान 5 साल की सरकार पूरी करेंगे। समय से पहले इलेक्शन नहीं कराए जाएंगे। 23 फीसद पाकिस्तानियों का मानना है कि सरकार खत्म हो जाएगी। 13 प्रतिशत लोगों ने किसी भी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
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