पंजाब के बरनाला निवासी एसके जिंदल का बेटा चंदन यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। यूक्रेन के वनीशिया शहर में नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में 2018 में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले चंदन को अचानक बीती दो फरवरी की रात को ब्रेन अटैक की स्थिति में अस्पताल ले जाया गया। चंदन के कोमा में जाने पर डॉक्टरों ने आपातकालीन स्थितियों में शल्य चिकित्सा की थी। पिता एसके जिंदल अपने भाई केके जिंदल के साथ सात फरवरी को यूक्रेन गए थे। युद्ध की विभीषिका बढ़ने पर केके जिंदल तो वापस भारत लौट गए किन्तु पिता एसके जिंदल वहीं बने रहे।
इस बीच युद्ध भड़कने पर अस्पताल में चिकित्सकीय देखरेख का संकट उत्पन्न हो गया। इसका दुष्परिणाम होनहार चंदन की मृत्यु के रूप में सामने आया। बुधवार को अस्पताल में चंदन की मृत्यु हो गयी। पिता एसके जिंदल ने भारत सरकार से पुत्र के शव को भारत पहुंचाने का प्रबंध करने की बात कही है। इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर हुए हमले में कर्नाटक के हावेरी जिला निवासी 21 वर्षीय मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा को जान गंवानी पड़ी थी। नवीन यूक्रेन में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्र था।
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा कि खार्किव में सभी भारतीयों के लिए जरूरी एडवाइजरी है कि वे अपनी रक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल खार्किव छोड़ दें और जल्द से जल्द पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचें। हर परिस्थिति में वे इन जगहों पर आज यूक्रेन के समय के अनुसार छह बजे (1800) तक पहुंच जाएं ।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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