प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों और नागरिकों को वहां से निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा अभियान की सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी मशीनरी को सभी भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के काम में जुटे रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद यूक्रेन के पडोसी देशों रोमानिया और स्लोवाकिया के प्रधानमंत्रियों से बातचीत की। मोदी ने रोमानिया के प्रधानमंत्री निकोले-आयनेल सियुका के प्रति भारतीय नागरिकों को निकालने के काम में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। रोमानिया ने भारतीय नागरिकों को अपने देश में बिना वीजा के प्रवेश करने तथा विशेष हवाई उड़ानों की अनुमति दी है। मोदी ने स्लोवाक गणराज्य के प्रधानमंत्री एडुआर्ड हेगर से भी बातचीत की तथा भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद के लिए आभार व्यक्त किया।
वहीं उच्च स्तरीय बैठक में मोदी ने कहा कि वसुधेव कुटुंबकम की भावना के अनुरूप भारत पड़ोसी देशों के नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने के काम में मदद देने के लिए तैयार है।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन में जारी हिंसा और मानवीय संकट पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने वार्ता की मेज पर लौटने की बात की और कहा कि भारत देशों की और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किए जाने पक्षधर है।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय नागरिकों को निकालने के ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत सोमवार को छठा विमान बुडापेस्ट से उड़ान भरकर दिल्ली पहुंचा।
भारत की ओर से अब तक यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए छह विमान उड़ानें भारत पहुंच चुकी हैं। इसमें करीब 1400 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची का कहना है कि भारतीय नागरिकों को पश्चिमी यूरोप पश्चिमी यूक्रेन की सीमा से लगे सीमा पर एकत्र नहीं होना चाहिए। इसके स्थान पर वह आसपास के क्षेत्रों में थोड़े समय के लिए शरण ले सकते हैं। भारतीय टीम उनसे इस संबंध में संपर्क करेगी।
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