महाशिवरात्रि पर्व पर मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन में बड़ा आयोजन करने जा रही है। एक मार्च को महाशिवरात्रि पर उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम' महोत्सव आयोजित होगा। इस दौरान शिप्रा नदी समेत सभी प्रमुख मंदिरों में 13 लाख दीप एक साथ प्रज्वलित किए जाएंगे। दीपोत्सव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेता और प्रबुद्धजन शामिल होंगे। इस आयोजन पर कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं, जिस पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है।
नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की आपत्ति से उसकी हिंदू विरोधी सोच का पता चलता है। कांग्रेस हमेशा से ही हिंदू धर्म के बड़े आयोजन पर आपत्ति करती आई है। हिंदू धर्म का जो भी बड़ा आयोजन होता है वहीं पर कांग्रेस आरोप लगाती है, आपत्ती करती है दूसरे मतों के आयोजनों में उन्हें कोई राजनीति समझ में नहीं आती। हमारे भोपाल में कितना भी बड़ा मेला लग जाए तब उन्हें धर्म की राजनीति समझ में नहीं आती, यही कांग्रेसी मानसिकता को दर्शाता है। उज्जैन में बड़ा काम हो रहा है। जैसा प्रधानमंत्री ने वाराणसी में किया है उसी तरह का काम मध्यप्रदेश के उज्जैन में हो रहा है और मुख्यमंत्री लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। दीप प्रज्वलित करने में भी उनको राजनीति समझ में आती है तो मुझे उनकी समझ पर तरस आता है।
कांग्रेस केवल नारों के दम पर राजनीति करती है
मध्यप्रदेश में महिला कांग्रेस के अभियान लडक़ी हूं लड़ सकती हूं पर अब महिला कांग्रेस की समिति को भंग कर दिया गया है इस पर गृहमंत्री ने कहा कि सभी जगह पर कांग्रेस की यही स्थिति होने वाली है। कांग्रेस केवल नारों के दम पर राजनीति करती आई है। पहले इंदिरा गांधी गरीबी हटाओ का नारा लेकर आई थीं तो क्या गरीब हटा दिया। कांग्रेस का हाथ गरीब के साथ इस तरह के नारे देकर राजनीति करते थे, लेकिन अब देश समझ गया है इनके नारों को और इनको। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सभी बातें चुनाव तक ही हैं और देश अब इन सब बातों को समझता है। उत्तर प्रदेश में ही का क्या हश्र होगा यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि प्रतीक्षा कीजिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की पहले जैसी स्थिति भी नहीं होने वाली है। पहले तो 7 आ गई थी, इस बार वह भी नहीं आने वाली।
क्या कहा था कांग्रेस नेता ने
कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा था कि भाजपा के पास विकास का मुद्दा नहीं है, इसलिए वह धर्म का सहारा ले रही है। धर्म और राजनीति अलग-अलग विषय हैं। क्या संस्कृति विभाग अन्य मतों के त्यौहार पर भी इस तरह का आयोजन करेगा। इस तरह के आयोजनों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
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