नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 23 फरवरी, 2020 को हुए दंगे को दो साल पूरे हो चुके हैं। उस भयानक मंजर के निशान उत्तर पूर्वी जिले से धीरे-धीरे मिट चुके हैं। दंगे में जलाए गए मकान व दुकानों की दीवारें काली नहीं दिखाई देतीं, फिर से लोगों के बीच वही सौहार्द की डोर है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके बीच दर्द आज भी मौजूद है। स्वजन को याद करते हैं तो उनकी आंखों से आंसू निकल जाते हैं।
उत्तर- पूर्वी जिले के लोग अब उस पल को याद नहीं करना चाहते हैं, जिसने उन्हें सिर्फ जख्म दिए हैं। लोग एक-दूसरे के त्योहार को पहले की तरह साथ मिलकर मना रहे हैं। शिव विहार क्षेत्र में दंगे में सबसे ज्यादा बर्बादी हुई थी, वहां के लोग भी अपने जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। लोग अब यहीं कहते सुने जाते हैं कि अब कभी दंगे नहीं होने चाहिए।
पुलिस के अनुसार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 एवं 25 फरवरी 2020 को हुए इन दंगों में 53 लोगों की जान गयी थी जबकि 581 लोग अलग-अलग जगहों पर घायल हुए थे। दंगों से जुड़े विभिन्न मामलों में अभीतक 1900 से ज्यादा आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, 400 से ज्यादा मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है। इन पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
दिल्ली दंगों के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 2365 लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमे से 1 हजार अरोपियों को विभिन्न अदालतों से व एसीपी कोर्ट से जमानत मिल गई है वहीं 1 हजार 365लोग अभी जेल में बंद हैं। 758 एफआईर में से 62 एफआईआर दिल्ली दंगों के दौरान हत्या, हत्या का प्रयास जैसे बड़े मामलों से जुड़ी हैं। इन सभी एफआईआर की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच में तीन विशेष जांच टीमों को इन मामलों की जांच में लगाया गया है। इन जांच टीमों की निगरानी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं।
दिल्ली हिंसा की साजिश रचने से जुड़ी एफआईआर की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। दिल्ली दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है। इन 18 में से चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। आरोपियों में नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जरगर को जमानत मिल चुकी है। इन चारों आरोपियों के अलावा जो आरोपी जेल में बंद हैं,उनमें ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशां, शफा उर रहमान हैं।
पुलिस का दावा है कि इन मामलों की निष्पक्षता के साथ जांच की गई है। पुलिस द्वारा दर्ज 755 मामलों में से 60 मामलों की जांच अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। इनमें अधिकतर मामले हत्या के हैं। इसके लिए अपराध शाखा में तीन एसआईटी गठित हैं। पूरी साजिश को लेकर स्पेशल सेल ने यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हुआ है।
इस एफआईआर में उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो दंगों के पीछे भूमिका निभा रहे थे। इन मामलों के अलावा अन्य सभी एफआईआर की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है। पुलिस ने पहली बार दंगे के समय सभी शिकायतों पर एफआईआर की ताकि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले। इन मामलों की सुनवाई कड़कड़डूमा स्थित विशेष कोर्ट में चल रही है।
कहां कितनी एफएआईआर
स्थान संख्या
- न्यू उस्मानपुर 24
- शास्त्री नगर 10
- गोकलपुरी 118
- दयालपुर 76
- ज्योति नगर 35
- खजूरी खास 153
- करावल नगर 91
- सोनिया विहार 5
- भजनपुरा 137
- वेलकम 26
- जाफराबाद 79
ऐसे शुरू हुआ था दंगा
- -दिसंबर 2019- दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए।
- -जनवरी 2020- वज़ीराबाद रोड चांद बाग एवं जाफराबाद मुख्य सड़क पर सीएए विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए।
- – 22 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास एक हजार से ज्यादा लोग एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे।
- -23 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई। शाम को दूसरे समुदाय के लोग भी आ गए। दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ।
- -24 फरवरी- सुबह 11 बजे- शाहदरा जिला डीसीपी अमित शर्मा पुलिस फोर्स के साथ चांद बाग के समीप चल रहे प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
- -दोपहर 1 बजे- भीड़ ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया जिसमें डीसीपी अमित शर्मा, उनका ऑपरेटर हवलदार रतनलाल और एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार गंभीर रूप से घायल हुए।
- -दोपहर 2 बजे- अस्पताल में डॉक्टरों ने हवलदार रतनलाल को मृत घोषित कर दिया।
- -दोपहर 2.30 बजे सप्तऋषि बिल्डिंग में जाकर इन लोगों ने गोली चलाई जिससे शाहिद नामक युवक की मौत हो गई।
- -दोपहर 3 बजे- चांद बाग स्थित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के मकान से हिंसा की गई।
- -शाम 4 बजे- दयालपुर इलाके में दंगे के दौरान शाहरुख ने हवाई फायरिंग के साथ पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी।
- -रात 8.30 बजे- गोकलपुरी स्थित टायर मार्किट में लोगों ने आग लगा दी।
- -25 फरवरी 2020- सुबह 11 बजे- मौजपुर चौक पर दो गुट आपस में भीड़ गए जिसमें विनोद नामक शख्स की मौत हो गई।
- -दोपहर 1.30 बजे- अम्बेडकर कॉलेज के पास बनी डिस्पेंसरी के पास हुए दंगे। यहां रिक्शा चालक 32 वर्षीय दीपक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
- -4.30 बजे करदमपुरी पुलिया के पास दंगे हुए जिसमें मोहम्मद फुरकान सहित चार लोगों को गोली लगी, इसमें फुरकान की मौत हो गई थी।
- -शाम 5 बजे- आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा घर से निकलकर गली में पहुंचा जहां से कुछ लोग उसे खींचकर ले गए और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।
- -26 फरवरी 2020- गोकलपुरी नाले से पुलिस को चार लोगों के शव मिले जिनकी दंगों के दौरान हत्या की गई थी।
निष्पक्ष जांच के लिए तकनीक का सहारा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस ने ज्यादा तकनीक का सहारा लिया क्योंकि इसके साक्ष्य को गलत नहीं ठहराया जा सकता। वीडियो एनलेटिक के जरिये सीसीटीवी फुटेज में मौजूद आरोपितों की पहचान की गई। ई-वाहन एवं पुलिस के पास मौजूद डाटाबेस से आरोपितों की पहचान की गई। फेसिअल रिकॉग्निजेशन सिस्टम का भी इस्तेमाल किया गया।
जिसकी मदद से 231 आरोपितों की गिरफ्तारी हो पाई। इनके अलावा एफएसएल की भी मदद महत्वपूर्ण साइंटिफिक साक्ष्य के लिए ली गई है। मोबाइल से जो डेटा डिलीट किये गए, उन्हें भी हासिल किया गया। लोकेशन के जरिये भी आरोपितों की पहचान की गई। डीएनए, फिंगरप्रिंट और फेसिअल रिकंस्ट्रक्शन का भी इस्तेमाल पुलिस जांच में किया गया है।
दिल्ली दंगा : दो दोषियों को हुई सजा
पिछले दो सालों में दंगे के दो मामलों में कडक़डड़ूमा अदालत ने दो दोषियों को सजा सुनाई गई है, जबकि आठ मामलों में आरोपी बरी किए गए हैं। गोकलपुरी इलाके के भागीरथी विहार डी.ब्लाक में बुजुर्ग महिला का घर जलाने के दोषी दिनेश यादव उर्फ माइकल को अदालत ने पांच वर्ष सश्रम कैद की सजा सनाई है। इसके अलावा जाफराबाद में हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपित शाहरुख पठान को अपने घर में शरण देने के दोषी कलीम अहमद की भी सजा निर्धारित की गई है। इस मामले में दो आरोपित फरार हैं।
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