रूस और यूक्रेन में टकराव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का एलान कर दिया। रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यूक्रेन के कई अन्य शहर भी हमले की चपेट में आए हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टीवी पर प्रसारित अपने संबोधन में यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का एलान किया। उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई यूक्रेन से आने वाली धमकियों के जवाब में की गई है। दावा किया कि वह वहां रहने वाले लोगों को बचाने का इरादा रखते हैं। रूस का यूक्रेन पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है और रक्तपात की जिम्मेदारी यूक्रेन सरकार की होगी।
पुतिन की घोषणा के साथ ही रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया। राजधानी कीव समेत कई जगह धमाके सुनाई देने लगे। रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव और प्रमुख शहर खारकीव समेत कई यूक्रेनी शहरों में मिसाइल से हमला शुरू कर दिया है। स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। रूस द्वारा जंग के एलान के बाद यूक्रेन के पूर्वी बंदरगाह शहर मारियुपोल में शक्तिशाली विस्फोटों की आवाज सुनी गई।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन के लोग वर्षों से पीड़ित हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित विशेष अभियान यूक्रेन के लोगों की रक्षा के लिए हैं। रूस का लक्ष्य यूक्रेन को नरसंहार से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुरूप निर्णय लिया गया है हम यूक्रेन में स्थिति का विश्लेषण करेंगे। रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका को सीधे तौर पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन का साथ देने वाले किसी भी पक्ष को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। अमेरिका ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि युद्ध के दौरान होने वाले जानमाल के नुकसान के लिये रूस जिम्मेदार होगा।
पुतिन ने यूक्रेन की सेना से हथियार डालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में (विशेष मिलिट्री ऑपरेशन की) हमारी योजनाओं में यूक्रेन के क्षेत्र पर कब्जा करना शामिल नहीं है। वहीं यूक्रेन की संसद ने राष्ट्रीय आपातकाल लागू कर दिया है। यह आपातकाल अभी 30 दिन के लिए होगा। बाद में जरूरत पड़ने पर समयसीमा बढ़ाई भी जा सकती है।
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद (एनएसडीसी) के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने बताया था कि एनएसडीसी ने डोनेत्स्क और लुहांस्क के क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करने का फैसला किया है। इसके बाद यूक्रेन की संसद ने आपातकाल लागू कर दिया है। यह आपातकाल अभी 30 दिन के लिए होगा। बाद में जरूरत पड़ने पर आपातकाल की समयसीमा 30 दिन के लिए और बढ़ाई भी जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि हम रूस की कार्रवाई का एकता के साथ जवाब देना जारी रखेंगे। हम यहां रूस को रुकने, अपनी सीमा पर लौटने, सैनिकों को वापस बैरक में भेजने के लिए कहने आए हैं। अपने राजनयिकों को वार्ता की मेज पर लाएं। रूस ने सचमुच यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन किया है संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि हम तत्काल डी-एस्केलेशन का आह्वान करते हैं, स्थिति एक बड़े संकट में तब्दील होने की कगार पर है। अगर इसे सावधानी से नहीं संभाला जाता तो यह सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। सभी पक्षों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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