कर्नाटक के शिमोगा में रविवार रात 9 बजे बजरंग दल के कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। फिलहाल हालात को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लागू की गई है। कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या मामले में दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक गिरफ्तार लोगों की संख्या 8 हो गई है। पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद आठ की गिरफ्तारियां हुईं, बाकी का इस केस से कोई कनेक्शन न होने पर छोड़ दिया गया है। गिरफ्तार किए गए ज्यादातर आरोपियों का लंबा आपराधिक इतिहास है। वह भी शिवमोगा जिले के रहने वाले हैं।
अब इस मामले में हर्षा की हत्या के समय मौजूद दोस्तों और चश्मदीदों ने दावा किया है कि हर्षा को दो अनजान लड़कियां वीडियो कॉल कर रही थीं। जब हर्षा ने पूछा कि वे कौन हैं, तो वे लड़कियां कह रही थीं कि वे उसकी दोस्त हैं। जबकि हर्षा उन अनजान लड़कियों से कह रहा था कि वो उन्हें नहीं जानता है। हर्षा के साथ मौजूद उसके दोस्त नवीन ने बताया कि वह अपने अन्य दोस्तों के साथ बैठा था। तभी हर्षा के फोन पर दो लड़कियों के वीडियो कॉल आ रहे थे। लड़कियां हर्षा को अपना दोस्त बता रही थीं। वहीं, हर्षा कह रहा था कि वह उन्हें नहीं जानता इसके बावजूद लड़कियां उसे अपना दोस्त बता रही थीं। हर्षा परेशान होकर लगातार उन लड़कियों का फोन काट रहा था लेकिन लड़कियों की कॉल लगातार हर्षा को आ रही थी।
हर्षा के मित्र नवीन ने बताया कि वे लोग हर्षा को छोड़कर भारतीयनगर में स्थित अम्मा कैंटीन के पास आ गए। इसके बाद उन्हें हर्षा का फोन आया जिसमे उसने कहा कि कुछ गड़बड़ है, यहां आओ. हमने उसे बताया की हम्ज काफी दूर है लेकिन वह फिर भी बुला रहा था। जिसके बाद बाद हमें जानकारी मिली कि हर्षा के साथ मारपीट हो रही है, काशिफ ने उसके साथ मारपीट की। नवीन ने बताया कि हर्षा कभी भी अकेले बाहर नहीं जाता था। लेकिन उस दिन वह अकेला था इसके बाद उस पर हमला हुआ।
इस प्रकरण में पुलिस के अनुसार मोहम्मद काशिफ, सैयद नदीम, आशिफुल्ला खान, रेहान खान, नेहाल और अब्दुल अफनान को मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। वे सभी शिवमोग्गा के निवासी हैं। काशिफ के खिलाफ कुछ आपराधिक मामले हैं।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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