उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के प्रमुख हरीश रावत ने आशंका जताई थी कि सर्विस वोट यानि पोस्टल बैलेट को बदला जा सकता है। जिसके जवाब में चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि सभी सर्विस मतदाताओं को क्यूआर कोड के साथ मतपत्र भेजे गए हैं, जिन्हें मतगणना से पहले तीन बार स्कैन किया जाएगा।
कांग्रेस नेता आए दिन मतदान और वोट गिनती को लेकर आशंका जता रहे हैं। जिसपर चुनाव आयोग को ही सफाई देनी पड़ी है। पोस्टल बैलेट बदले जाने की आशंका का जवाब देते हुए उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने कहा है कि सैनिकों और अन्य सर्विस मतदाताओं को पोस्टल बैलेट पत्र जब भेजे गए, उनके साथ क्यूआर कोड भी डिजिटल फॉर्मेट पर भेजा गया है। ईमेल से भेजे गए इन मतपत्रों के साथ घोषणा पत्र को क्यूआर कोड की मदद से प्रिंट किया जा सकेगा।
मतपत्र प्रिंट होने के बाद सैनिक मतदाता अपने पसंद के प्रत्याशी के नाम के आगे सही का निशान लगाकर वोट देंगे। जब वोट यहां वापस पहुंचेंगे तो क्यूआर कोड से मिलान करके ही मतपत्र खोले जाएंगे फिर डाक पत्र पर लगे कोड से भी मिलान किया जाएगा। कुल मिलाकर तीन स्थानों पर कोड का स्कैन किया जाएगा, तब मतपत्र को वोट गिनती में शामिल किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने हर वोट गिनती स्थल पर चालीस स्कैनर उपलब्ध करवाए हुए हैं। इनके संचालन के लिए वोट गिनती कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गयी है।
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