पाकिस्तान से प्राप्त एक समाचार के अनुसार, एक जिहादी गुट के हत्यारों ने 15 फरवरी को पेशावर में एक सिख को गोली मार कर उसकी जान ले ली। इस हमले में कुछ अन्य सिख गंभीर रूप से घायल हुए हैं। समाचार के अनुसार, मृतक पपिंदर सिंह हकीम का काम करते थे। इस जानलेवा हमले में जिहादी गुट आईएस-केपी के हाथ होने की जानकारी मिली है। पेशावर वही शहर है जहां पिछले साल ही एक अन्य सिख हकीम सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। पपिंदर सिंह की हत्या के बाद इलाके में रोष है और सिख समुदाय अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रमुख पुनीत सिंह चंडोक ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस को एक पत्र लिखकर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों के बारे में बताया गया है। चंडोक ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से अनुरोध किया है कि वे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ रह हमलों के संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई करें। पत्र मिलने के बाद गुतेरस ने बयान जारी करते हुए पाकिस्तान को कहा है कि अपने यहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रमुख पुनीत सिंह चंडोक ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ रह हमलों के संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई करें। पत्र मिलने के बाद गुतेरस ने बयान जारी करते हुए पाकिस्तान को कहा है कि अपने यहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
चंडोक ने पत्र में लिखा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों में सबसे ज्यादा हिंदू या सिख हैं। लेकिन वहां यही दो समुदाय अत्याचारों के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। उन पर आएदिन जानलेवा हमले हो रहे हैं। इसके पीछे कारण है हिन्दुओं और सिखों का भारत के प्रति लगाव। उन्होंने गुतेरस से अनुरोध किया है कि पाकिस्तानी हिंदुओं और सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जानी चाहिए। चंडोक का आराेप है कि पाकिस्तान में हिंदुओं तथा सिखों पर हमलों के ये मामले पाकिस्तान की सरकार की शह से बढ़ रहे हैं।
2010 में पेशावर के रहने वाले एक सिख जसपाल सिंह को अगवा कर लिया गया था। बाद में उनकी सिर कटी लाश मिली थी। खैबर पख्तूनख्वा से प्रांत की विधानसभा के सदस्य और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्ण सिंह की 2016 में गोली मारकर हत्या की गई थी। जबकि पेशावर में ही 2018 में एक स्थानीय सिख नेता चरणजीत सिंह सागर को भी गोली मार दी गई थी।
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