सुन्नी बहुल पाकिस्तान में दूसरे मुस्लिम फिरकों के प्रति कितनी नफरत है, इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला है इस इस्लामी देश के पंजाब प्रांत में जहां अहमदिया समुदाय की करीब 50 कब्रों को उनमदियों ने तहस—नहस कर दिया है।
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के एक पत्रकार एजाज सैयद ने सूबे के हाफिजाबाद जिले में अहमदिया समुदाय की कब्रों के पर की गई तोड़—फोड़ की सचित्र जानकारी साझा की है। सैयद ने उक्त घटना पर चिंता व्यक्त की है और इमरान सरकार से अपराधी उन्मादियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की संसद ने 1974 में ही अहमदिया समुदाय को गैर मुस्लिम ठहरा दिया था। वैसे तो शुरू से ही इस इस्लामी देश में शियाओं, अहमदियाओं, कादियानियों आदि मुस्लिम फिरकों के प्रति नफरत ही देखी गई है, लेकिन 1974 के बाद से तो अहमदिया अक्सर हिंसा के शिकार बनाए जाते रहे हैं। यह वहां के सबसे ज्यादा प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
2020 में यूके के सर्वदलीय संसदीय दल ने अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में काफी प्रकाश डाला था। रिपोर्ट में बताया गया था कि स्कूलों में सुन्नी बच्चों को अहमदिया समुदाय से नफरत करना सिखाया जाता है। उनकी किताबों में भी इस पर पाठ पढ़ाए जाते हैं।
एजाज सैयद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह घटना हाफिजाबाद जिले के प्रेमकोट में हुई है। उसका कहना है कि अहमदिया समुदाय की इन कब्रों को अपवित्र करने की घटना ही नहीं, किसी भी समुदाय के विरुद्ध उत्पीड़न मौलिक मानवाधिकारों और इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन है। सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
2020 में यूके के सर्वदलीय संसदीय दल ने अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में काफी प्रकाश डाला था। रिपोर्ट में बताया गया था कि स्कूलों में सुन्नी बच्चों को अहमदिया समुदाय से नफरत करना सिखाया जाता है। उनकी किताबों में भी इस पर पाठ पढ़ाए जाते हैं।
इस दल ने भी तब पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर निशाना साधते कानूनों को खत्म करने की मांग उठाई थी। इतना ही नहीं, दल ने पाकिस्तान सरकार के सामने इस मामले पर कुछ और मांगें भी रखी थीं। इनमें अहमदिया समुदाय पर लगे प्रतिबंधों को हटाना, पाकिस्तान में सभी मजहबी समुदायों के लिए मजहब की पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आदि मांगे भी शामिल थीं। लेकिन पाकिस्तान में हालत यह है कि अहमदिया समुदाय लगातार हिंसा का शिकार बनाया जाता है। हालात इतने खराब है कि अहमदियाओं ने बड़ी संख्या में वहां से पलायन भी किया है।
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