उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे बदलते मौसम की तरह यूपी राजनीति भी बदल रही है। पक्के और सच्चे गठबंधन के तमाम दावा करने वाली समाजवादी पार्टी के दावे हवा हवाई होते नजर आ रहे है। चुनाव के प्रथम चरण के मतदान में अब कुछ ही समय बाकि रह गया है। उससे पहले ही सपा के गठबंधन में दरारें नजर आने लगी है। सपा के साथ जुड़े सहयोगी दलों में मतभेद खुलकर सामने आ रहे है।
दरअसल सपा के गठबंधन में शामिल अपना दल कमेरावादी ने कुछ सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी से आपत्ति जताई है और अपने हिस्से की सीटें वापस करने का फैसला लिया है। सपा ने अपना दल कमेरावादी को गठबंधन में 18 सीटें दी गई थी। 29 जनवरी को सात सीटों की घोषणा भी कर दी गई थी। लेकिन गठबंधन में परेशानी तब शुरू हुई जब बुधवार को सपा ने अपना दल (k) के कोटे वाली सीट इलाहाबाद पश्चिम से अमरनाथ मौर्य को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
बता दें कि सपा गठबंधन में अपना दल कमेरावादी को वाराणसी की रोहनिया, पिंडारा, जौनपुर की मड़ियाहूं, मिर्जापुर की एक सीट के साथ ही सोनभद्र की घोरावाल सीट और प्रतापगढ़ की सदर सीट दी गई थी। इसमें इलाहाबाद पश्चिम की भी एक सीट शामिल थी, इस सीट पर पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी को वोटिंग होनी है। सपा की तरफ से इस सीट पर उम्मीदवार उतारे जाने से गठबंधन में मतभेद की स्थिति पैदा हो गई है।
चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए हाथ थामकर आगे बढ़ने वाली समाजवादी पार्टी और अपना दल (कमेरावादी) के रास्ते चुनाव मैदान में पहुंचने से पहले ही अलग-अलग होते नजर आ रहे हैं। मनमाफिक सीटें न मिलने पर नाराजगी जताते हुए दल ने विधान सभा चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। सिराथू से भाजपा प्रत्याशी व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा से घोषित प्रत्याशी पल्लवी पटेल का टिकट उनके पति व दल के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन पटेल ने लौटा दिया है। इसके साथ ही अपनी ओर से घोषित सात टिकट वापस लेते हुए पंकज निरंजन पटेल ने खुद सीटों का तालमेल न बैठ पाने की बात स्वीकार की है।
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