पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि 2017 में उनकी अगुआई में कांग्रेस की सरकार बनी थी तब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके करीबियों ने नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनवाने के लिए पैरवी की थी। उन्होंने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इसके बारे में बताया था। हालांकि सोनिया ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन प्रियंका ने अपने जवाब में सिद्धू को ‘बेवकूफ’ कहा था।
दैनिक जागरण से साक्षात्कार में कैप्टन ने कहा कि वे इमरान खान से कभी मिले नहीं और न ही व्यक्तिगत तौर उन्हें जानते थे, इसलिए ऐसा संदेश देखकर उन्हें आश्चर्य ही नहीं हुआ, बल्कि झटका लगा कि चुनाव के तुरंत बाद एक व्यक्ति को मंत्री बनाने के लिए दूसरे देश का प्रधानमंत्री और उसके करीबी किस तरह दबाव डाल रहे हैं। बकौल कैप्टन, मोबाइल पर आए संदेश को उन्होंने तत्काल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भेजा। सोनिया ने तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन प्रियंका ने लिखा, 'बेवकूफ आदमी है जो इस तरह के मैसेज करवा रहा है।' साथ ही, उन्हें यह भी सलाह दिया गया कि सिद्धू को मंत्रिमंडल में शामिल कर लें, लेकिन भविष्य में वह कुछ गड़बड़ी करता है तो मंत्री पद से हटा दें।
पूर्व क्रिकेटर के बारे में उन्होंने एक और घटना का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि 2017 में जब सिद्धू भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना चाह रहे थे, तब सोनिया गांधी ने फोन किया था कि वे सिद्धू से मिलकर उनके बारे में बताएं। इसके बाद कैप्टन ने सिद्धू को दिल्ली के एक होटल में खाने पर बुलाया। बातचीत के दौरान सिद्धू ने अपनी जेब से शिवलिंग निकालकर मेज पर रखते हुए कहा कि वे रोजाना छह घंटे ध्यान करते हैं और तीन घंटे सीधे भगवान से बात करते हैं। कैप्टन के यह पूछने पर कि भगवान से क्या भगवान से किस तरह की बातें होती हैं तो उन्होंने कहा कि पंजाब में फसल कैसी होगी, बारिश कितनी होगी आदि आदि। बकौल कैप्टन, उन्होंने तत्काल सोनिया को बताया कि यह लड़का मानसिक तौर पर कतई स्थिर नहीं है। यह पार्टी को बर्बाद कर देगा। उसके बाद जो हुआ और जो कांग्रेस में हो रहा है, वह सबके सामने है।
सिद्धू के पास दिमाग नहीं
इससे पूर्व रविवार को कैप्टन अमरिंदर ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू के पास ‘कोई दिमाग नहीं है।’ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 5 साल पहले उन्होंने सोनिया गांधी को ‘इस अक्षम व्यक्ति’ को पार्टी में शामिल नहीं करने की सलाह दी थी। साथ ही, मौजूदा कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अवैध रेत खनन में चरणजीत सिंह चन्नी और कुछ कांग्रेस नेताओं शामिल होने की जानकारी मिलने के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की। कैप्टन अपने कार्यकाल में अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाने पर कई बार अफसोस जाहिर कर चुके हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने कहा था, ‘अपने पूरे कार्यकाल में मैंने एक ही गलती की। मैंने अवैध खनन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि सोनिया गांधी ने इसकी अनुमति नहीं दी थी और मैं कांग्रेस के प्रति वफादार था।’ बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने 22 सीटों के लिए पहली सूची जारी की है, जिसमें नौ जट्ट सिख, चार दलित, तीन ओबीसी, पांच हिंदू और एक महिला को टिकट दिया है। कैप्टन पटियाला शहर से चुनाव लड़ेंगे।
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