प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर मैं पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन करता हूं। ये दिन ऐतिहासिक है, ये कालखंड भी ऐतिहासिक है और ये स्थान जहां हम सब एकीकृत हैं ये भी ऐतिहासिक। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए। हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया। उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया गया। हमने रिलीफ, रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन पर जोर देने के साथ ही रिफॉर्म पर भी बल दिया है। हमने NDRF को मज़बूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, बेस्ट पॉसिबल प्रैक्टिस को अपनाया गया।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेताजी कहते थे "कभी भी स्वतंत्र भारत के सपने का विश्वास मत खोना, दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो भारत को झकझोर सके।" आज हमारे सामने आज़ाद भारत के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य है। हमारे सामने आज़ादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। आज़ादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा। ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया।
दिल्ली के इंडिया गेट पर इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी उपस्थित रहे। इस मौके पर सुभाष चंद्र बोस का प्रेरणा गीत कदम-कदम बढ़ाये जा, ये जिंदगी है कौम की कौम पे लुटाये जा भी बजाया गया।
उल्लेखनीय है कि नेताजी की प्रतिमा उस स्थान पर लगायी जाएगी, जहां 1938 में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगायी गयी थी। लेकिन, वर्ष 1968 में जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को वहां से हटाकर उत्तर-पश्चिम दिल्ली स्थित बुराड़ी के पास कोरोनेशन पार्क में लगाया गया था।
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