क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस रुकवा देते देश का दुर्भाग्यपूर्ण बंटवारा
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस रुकवा देते देश का दुर्भाग्यपूर्ण बंटवारा

by WEB DESK
Jan 22, 2022, 12:07 pm IST
in भारत, दिल्ली
नेताजी सुभाष चंद्र बोस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
जिन्ना ने कहा था- "हिन्दू-मुसलमान दो अलग धर्म हैं। दोनों के अलग-अलग विचार हैं। दोनों की परम्पराएं और इतिहास भी अलग हैं। दोनों के नायक भी अलग हैं। इसलिए दोनों कतई साथ नहीं रह सकते।"

आर.के. सिन्हा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस यदि जीवित होते तो पाकिस्तान का सपना कभी हकीकत में बदलता? क्या वे मोहम्मद अली जिन्ना को साम-दाम-दंड-भेद से समझा पाते कि भारत के बंटवारे से किसी को कुछ लाभ नहीं होगा? ये सवाल अपने आप में काल्पनिक होते हुए भी महत्वपूर्ण हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवनकाल में ही अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित किया था। जिन्ना ने 23 मार्च, 1940 को लाहौर की बादशाही मस्जिद के ठीक आगे बने मिन्टो पार्क में एक सभा को संबोधित करते हुए अपनी घनघोर सांप्रदायिक सोच को खुलेआम प्रकट कर दिया था। जिन्ना ने सम्मेलन में अपने दो घंटे लंबे बेहद आक्रामक भाषण में हिन्दुओं को पानी पी-पीकर कोसा था। जिन्ना ने कहा था- "हिन्दू-मुसलमान दो अलग धर्म हैं। दोनों के अलग-अलग विचार हैं। दोनों की परम्पराएं और इतिहास भी अलग हैं। दोनों के नायक भी अलग हैं। इसलिए दोनों कतई साथ नहीं रह सकते।"

जिन्ना ने अपनी तकरीर के दौरान लाला लाजपत राय से लेकर दीनबंधु चितरंजन दास को लेकर खुलकर अपशब्द कहे। जाहिर है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जिन्ना के भाषण के अंश पढ़े ही होंगे। पाकिस्तानी लेखक फारुक अहमद दार ने अपनी किताब ”जिन्नाज पाकिस्तान: फोरमेशन एंड चैलेंजेस” में लिखा है कि मुस्लिम लीग के पाकिस्तान के हक में प्रस्ताव पारित करने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के अध्यक्ष की हैसियत से जिन्ना से आग्रह किया था कि वे अलग देश की मांग को छोड़ दें। उन्होंने जिन्ना को भारत के आजाद होने के बाद पहला प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी दिया था। कुछ इसी तरह का प्रस्ताव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सी. राजागोपालचारी ने भी जिन्ना को दिया था। जाहिर है कि जिद्दी जिन्ना ने नेताजी की पेशकश पर सकारात्मक उत्तर नहीं दिया। उसके बाद का इतिहास तो सबको पता ही है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवनकाल

23 मार्च, 1940 को लाहौर की बादशाही मस्जिद में एक सभा

16 अगस्त 1946 के डायरेक्ट एक्शन के आह्वान  किया

1947 मई, को रावलपिंडी में मुस्लिम लीग ने हिन्दुओं और सिखों को मारा

1930 में कोलकाता के मेयर थे। उन्हें कोलकाता के चप्पे-चप्पे की जानकारी

1940 के दशक आरंभ में  नेताजी का नामधारी सिखों से संबंध स्थापित हुआ

1945 में  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक विमान हादसे में मृत्यु होने की बात कही जाती है

नेताजी सुभाष चंद्र बोस पेशावर के रास्ते देश से चले गए, भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्ति दिलवाने के लिए। फिर वे दुनिया के अनेक देशों में रहे। उन्होंने सिंगापुर में आजाद हिन्द फौज का गठन किया। जाहिर है कि देश से बाहर जाने के बाद वे जिन्ना या मुस्लिम लीग की गतिविधिवियों से लगभग दूर हो गए। अभी तक तो यह कहा जाता है कि उनकी एक विमान हादसे में 1945 में मृत्यु हो गई थी। लेकिन, अभी तक इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। सत्तर साल कांग्रेस सरकार ने जनता को विमान दुर्घटना की कहानी ही बताई। मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़े गुप्त दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया। अब रोज नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं।

पर जरा सोचिए कि उनकी मृत्यु नहीं होती तब उनकी जिन्ना के 16 अगस्त 1946 के डायरेक्ट एक्शन के आह्वान को लेकर किस तरह की प्रतिक्रिया होती। जिन्ना ने 16 अगस्त, 1946 के लिए डायरेक्ट एक्शन का आह्वान किया था। एक तरह से वह हिन्दुओं के खिलाफ दंगों की शुरुआत थी। तब बंगाल में मुस्लिम लीग की सरकार थी। उसने दंगाइयों का खुलकर साथ दिया था। उन दंगों में कोलकाता में पांच हजार मासूम हिन्दू मारे गए थे। मरने वालों में उड़िया मजदूर सर्वाधिक थे। फिर तो दंगों की आग चौतरफा फैल गई। मई, 1947 को रावलपिंडी में मुस्लिम लीग के गुंडों ने जमकर हिन्दुओं और सिखों को मारा, उनकी संपत्ति और औरतों की इज्जत खुलेआम लूटी। रावलपिंडी में सिख और हिन्दू खासे धनी और संपन्न थे। इनकी संपत्ति को निशाना बनाया गया। पर जिन्ना ने कभी उन दंगों को रुकवाने की अपील तक नहीं की। वे एकबार भी किसी दंगा ग्रस्त क्षेत्र में नहीं गए। डायरेक्ट एक्शन की आग पूर्वी बंगाल तक पहुंच गई थी। वहां पर भी हजारों हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ था। उस कत्लेआम को रुकवाने के लिए बाद में महात्मा गांधी भी गए थे।

बेशक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस तो जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन के खिलाफ जनशक्ति के साथ सड़कों पर उतर जाते। वे 1930 में कोलकाता के मेयर थे। उन्हें कोलकाता के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। वे जिन्ना और मुस्लिम लीग के गुंडों का सड़कों पर मुकाबला करते। वे जुझारू नेता थे। नेताजी घर में बैठकर हालात को देखने वालों में से नहीं थे। पर अफसोस कि वे इससे पहले ही संसार से विदा हो चुके थे।

मान लें कि अगर वे जिन्दा होते तो भारत का इतिहास ही आज के दिन अलग होता। तब संभवत: देश विभाजित ही न होता। उनका मुसलमानों के बीच में भी जबरदस्त असर था। आजाद हिन्द सेना में उनके एक अहम साथी शाहनवाज खान थे। उनके अलावा भी आजाद हिन्द सेना में मुसलमानों की तादाद बहुत अधिक थी। नेताजी सुभाष की शख्सियत बेहद चमत्कारी और सेक्युलर थी। गौर करें कि देश के बंटवारे का असर मुख्यतः बंगाल और पंजाब पर ही हुआ। ये ही बंटे। बंगाल तो नेताजी का गृह प्रदेश था। इन दोनों राज्यों में मुसलमान और सिख भी उन्हें ही अपना नायक मानते थे। नामधारी सिखों के लिए वे बेहद आदरणीय थे और अब भी हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म दिन आते ही बुजुर्ग नामधारी सिख उन्हें कृतज्ञ भाव से याद करने लगते हैं। नेताजी का नामधारी सिखों से संबंध 1940 के दशक आरंभ में स्थापित हुआ था। तब नेताजी सुभाष चंद्र बोस थाईलैंड में भारत को अंग्रेजी राज की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए वहां पर बसे भारतीय समाज के संपर्क में थे। एक दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस का थाईलैंड की नामधारी सिख बिरादरी के प्रमुख सरदार प्रताप सिंह के आवास में जाने का कार्यक्रम बना। वहां पर तमाम बिरादरी मौजूद थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उधर आह्वान किया कि वे उनकी धन इत्यादि से मदद करें ताकि वे गोरी सरकार को उखाड़ फेंक सकें।

उसके बाद वहां पर मौजूद नामधारी और दूसरे भारतीयों ने धन, गहने और अन्य सामान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को देना चालू कर दिया। वे यह सब देख रहे थे। पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को यकीन नहीं हुआ कि उनके मेजबान ने उन्हें अंत तक कुछ नहीं दिया। तब उन्होंने सरदार प्रताप सिंह से पूछा, “तो आप नहीं चाहते कि भारत माता गुलामी की जंजीरों से मुक्त हो।” जवाब में सरदार प्रताप सिंह ने विनम्रता से कहा, “ नेताजी, मैं इंतजार कर रहा था कि एक बार सारे उपस्थित लोग अपनी तरफ से जो देना है, दे दें। उसके बाद उसके बराबर की रकम आपको अलग से भेंट करूंगा।” ये सुनते ही उन्होंने सरदार प्रताप सिंह को गले लगा लिया। उन्हीं सरदार प्रताप सिंह का सारा कुनबा राजधानी दिल्ली में रहता है।

बहरहाल, जब देश के बंटने की नौबत आई तो भारत माता का इतना बड़ा सपूत संसार से जा चुका था।
(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies