पाकिस्तान में महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। खाने—पीने की चीजों की कीमतें 300 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं। ऐसे में भी प्रधानमंत्री इमरान खान इस महंगाई पर काबू पाने के लिए हाथ पर हाथ धरे बैठे दिखते हैं। लेकिन विपक्षी दल जमाते इस्लामी ने एक बार फिर विरोध का बिगुल फूंक दिया है। इस पार्टी ने महंगाई के विरोध में देश भर में धरने—प्रदर्शन करनी की घोषणा कर दी है।
पाकिस्तान की जमाते-इस्लामी पार्टी ने इमरान सरकार से कहा है कि वह 'मिनी बजट' वापस ले। अगर ऐसा नहीं होता तो वह पूरे देश में आंदोलन छेड़ देगी। अभी पिछले ही दिनों इमरान सरकार ने नेशनल असेंबली में 'मिनी बजट' पास किया है।
पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध अंग्रेजी दैनिक द डॉन की रिपोर्ट है कि जमाते इस्लामी के मुखिया सिराज उल हक का कहना है कि इस्लामाबाद में आखिरी धरना देने से पहले उनकी पार्टी देश के तमाम बड़े शहरों में 100 धरने देगी। सिराज के अनुसार, आंदोलन कार्यक्रम की जल्दी ही घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर को भी उनके पद से हटाने की अपील की है।
विपक्षी नेता सिराज ने इमरान सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने खाने की चीजों की कीमतें 100-300 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं। पाकिस्तानी रुपये की कीमत घट रही है। आज देश में जो आर्थिक संकट है उसे देखते हुए सिराज का कहना है कि देश के परमाणु कार्यक्रम को पीछे लिया जाना चाहिए।
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई को लेकर सिराज का कहना है कि सरकार को बुनियादी चीजों की कीमतें 50 फीसदी कम करनी चाहिए। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर इमरान सरकार कीमतें कम नहीं करेगी तो सरकार इस्लामाबाद में लोगों के गुस्से का सामना करने को तैयार रहे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सिराज ने आगे कहा कि पार्टी का अगला धरना पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। पाकिस्तान के दूसरे विपक्षी दल, जैसे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी तथा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज भी देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने की उतनी ही जिम्मेदार हैं।
विपक्षी नेता सिराज ने इमरान सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने खाने की चीजों की कीमतें 100-300 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं। पाकिस्तानी रुपये की कीमत घट रही है। आज देश में जो आर्थिक संकट है उसे देखते हुए सिराज का कहना है कि देश के परमाणु कार्यक्रम को पीछे लिया जाना चाहिए।
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