उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी की थर्ड वेव आ चुकी है, लेकिन कोरोना की थर्ड वेव, सेकेण्ड वेव की तरह खतरनाक नहीं है. संक्रमित लोगों का घर पर ही सफलतापूर्वक उपचार हो रहा है.
कोविड संक्रमितों से संवाद बनाकर उन्हें मेडिसिन किट सहित शासन की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. कोरोना की सेकेण्ड वेव में मृत्यु दर ज्यादा थी, लेकिन थर्ड वेव में संक्रमित व्यक्ति आराम करने पर 3 से 5 दिन में ठीक हो जा रहे हैं.
कोरोना संक्रमितों के हॉस्पिटलाइजेशन की दर बहुत ही कम है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 4702 एक्टिव केस हैं, जिनमें 45 लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं. इनमें हल्का संक्रमण देखने को मिला है. यह भर्ती हुए लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रसित थे. प्रदेश में सभी लक्षण युक्त लोगों की कोरोना जांच की जा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान तथा नगरीय क्षेत्रों में पार्षदगण निगरानी समितियों के अध्यक्ष हैं. इनकी अध्यक्षता में आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशावर्कर, एएनएम मिलकर कोरोना टीकाकरण के अभियान को सफल बना रही हैं. यह सभी डोर-टू-डोर जाकर कोरोना के संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर रही हैं और कोविड की मेडिसिन किट उपलब्ध करा रही हैं.
आगामी 15 जनवरी तक 15 से 17 वर्ष के सभी किशोरों को वैक्सीन से आच्छादित करने का लक्ष्य है. जिन लोगों ने अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, उनकी सूची बनाकर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. यह वैक्सीन, कोरोना से बचाव का सर्वोत्तम उपाय है. जितना अधिक वैक्सीनेशन होगा, कोरोना का प्रभाव उतना ही कम होगा. कोरोना वैक्सीन ले चुके व्यक्ति पर कोरोना का बहुत ही हल्का प्रभाव पड़ता है और यह एक सामान्य वायरल फीवर मात्र रह जाता है. इसलिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना सभी को अनिवार्य है.
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