हिमपात से 23 लोगों की मौत, पाकिस्तानियों ने इमरान से पूछा- चंद लोगों को बचा नहीं सकते दुनियाभर से पर्यटक क्यों बुला रहे हो ?
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हिमपात से 23 लोगों की मौत, पाकिस्तानियों ने इमरान से पूछा- चंद लोगों को बचा नहीं सकते दुनियाभर से पर्यटक क्यों बुला रहे हो ?

WEB DESK by WEB DESK
Jan 9, 2022, 09:09 pm IST
in विश्व, दिल्ली
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मर्री से पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, 'लोग मर्री और गल्यात में फंस गए हैं। इन शासकों को लोगों की परवाह नहीं है। एक हफ्ते पहले खबर आई थी कि बर्फबारी होगी। सरकार के मंत्री अभी भी मदद करने में असमर्थ हैं।' 

मीम अलिफ हाशमी

 

बर्फीले क्षेत्र मर्री में भारी हिमपात में फंसकर 23 लोगों की मौत से पाकिस्तान के पर्यटन व्यवस्था और सेना-पुलिस की आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है। ऐसे में पाकिस्तानी इमरान खान पर सवाल दागने लगे हैं कि जो देश छह हजार सैलानियों को सही से आने-जाने का इंतजाम नहीं कर सकता, वह भला दुनियाभर के पर्यटकों को बुलाकर उसके साथ क्या सलूक करेगा ? याद रहे कि पाकिस्तान की यह वही सेना है जो बात-बेबात भारत को ‘देख लेने’ की धमकी देती रहती है, पर उससे अब तक मर्री की सड़कों से बर्फ हटाया नहीं जा सका है। 24 घंटे बाद भी मर्री में राहत-बचाव कार्य चल रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान के गृह मंत्री ने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना है कि सरकार के लिए छह हजार लोगों तक राहत पहुंचाना संभव नहीं। स्थानीय लोग बर्फीले तूफान में फंसने वालों की मदद करें।

सेना-प्रशासन की लापरवाही से 23 लोगों की मौत
 
उधर, 24 घंटे बाद भी मर्री में पाकिस्तानी सेना, वायुसेना, पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा भारी बर्फबारी के कारण फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। मर्री और आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण फंसे पर्यटकों के बीच भीषण ठंड और दम घुटने से एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित कम से कम 23 पर्यटकों की मौत हो गई। पाकिस्तानी सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के जवान राहत और बचाव अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।  आईएसपीआर के मुताबिक, फंसे हुए सभी वाहनों की जांच कर ली गई है। उनमें सवार पर्यटकों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि सेना इंजीनियरिंग कोर के जवान फिलहाल झिका गली से कलदाना और कालदाना से बरिया तक सड़क पर बर्फ साफ कर रहे हैं।
 
रावलपिंडी पुलिस के अनुसार, मर्री की 90 प्रतिशत सड़कों को साफ कर दिया गया है। बच्चों और परिवारों को वाहनों से निकालकर सरकारी गेस्टहाउस और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री रावलपिंडी पहुंच गए हैं। बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। प्रवक्ता हसन खरवार ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री रावलपिंडी पहुंच गए हैं। व्यक्तिगत रूप से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन, पुलिस, 1122, पीडीएमए और अन्य एजेंसियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। आज मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान पर नजर रखी जाएगी। रावलपिंडी के जिला प्रशासन के अनुसार, संबंधित एजेंसियों द्वारा समय पर किए गए उपायों के कारण राहत कार्य जोरों पर है और स्थिति में सुधार हो रहा है। शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, आयुक्त रावलपिंडी, आरपीओ रावलपिंडी, उपायुक्त रावलपिंडी और सीपीओ रावलपिंडी मर्री में मौजूद हैं और व्यक्तिगत रूप से सभी राहत कार्यों की देखरेख कर रहे हैं। मर्री में भारी हिमपात और आपात मौसम की स्थिति के संबंध में नागरिकों के मार्गदर्शन और सुविधा के लिए उपायुक्त रावलपिंडी के कार्यालय में 24-7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
 
पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देश पर मर्री और आसपास के इलाकों में सभी विश्राम गृह और सरकारी संस्थान पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मर्री में पर्यटकों की मौत पर दुख जताते हुए कहा था कि जिला प्रशासन असामान्य बर्फबारी और मौसम की स्थिति को देखे बिना बड़ी संख्या में लोगों के आने के लिए तैयार नहीं था। शनिवार को उन्होंने ट्वीट किया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे। इससे पहले, मर्री में बचाव अधिकारियों ने कहा कि बर्फ में फंसे वाहनों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। मरने वालों में आठ बच्चे भी शामिल हैं। पंजाब सरकार ने मर्री को आपदा क्षेत्र घोषित किया है, जबकि मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने बचाव अभियान की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई हैं। पंजाब सरकार के प्रवक्ता हसन खावर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अटॉक और रावलपिंडी से मर्री के लिए बचाव दल भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की मौत की घटना की जांच की जाएगी। कोई लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर पाकिस्तान सेना के जनसंपर्क विभाग ने एक बयान में कहा कि सेना के इंजीनियर मर्री और गल्यात में सड़कें खोलने में व्यस्त थे।
 
आईएसपीआर के मुताबिक मर्री में अलग-अलग जगहों पर पर्यटकों के लिए चार राहत शिविर बनाए गए हैं, जबकि मरी एक्सप्रेस-वे को साफ कर दिया गया है। इससे  पहले गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि मर्री में बर्फबारी के कारण फंसे वाहनों में 16 से 19 लोगों की मौत हुई है। एक वीडियो संदेश में शेख रशीद अहमद ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद बर्फबारी के कारण बंद मर्री और गल्यात सड़कें पिछले 12 घंटों में नहीं खुल पा रही हैं। पर्यटक अपने वाहनों में फंस गए हैं, जिससे भोजन और गर्म कपड़े की कमी है।
 
गृह मंत्री ने कहा कि 15, 20 साल बाद इतने पर्यटकों की मौत हुई, जिससे बड़ा संकट खड़ा हो गया। गृह मंत्री ने कहा कि मर्री में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए नागरिक सशस्त्र बलों को बुलाया गया है। उन्होंने मरने वाले पर्यटकों को एक संदेश में कहा, 'रविवार को रात नौ बजे तक मर्री की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।' शेख रशीद ने कहा, 'इतने सारे पर्यटक हैं कि उन्हें कंबल और खाने की समस्या है। मैं क्षेत्र के सभी लोगों से लोगों को कंबल और भोजन उपलब्ध कराने का आग्रह करता हूं।' इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने पर्यटकों की मौत के बाद मर्री में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी। उन्होंने एक बयान में कहा, 'फंसे हुए पर्यटकों को बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है।' मर्री में बचाव अधिकारियों के अनुसार मृत पर्यटक इस्लामाबाद के हैं।

व्यवस्था  पर उठे सवाल

पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर एक दिन पहले मर्री क्षेत्र में बर्फीले तूफान के बीच वाहनों और सड़कों पर फंस कर 22 लोगों की मौत के वीडियो साझा किए जा रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों द्वारा संवेदना व्यक्त करने के साथ सरकारी इंतजाम पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज शरीफ ने मर्री में पर्यटकों की मौत पर दुख जताया और अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार को कोसने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह मरी हुई अंतरात्मा की सरकार बहुत पहले मर चुकी है। मृतकों और उनके परिवारों और पाकिस्तान पर अल्लाह की विशेष रहमत हो।' पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के ट्विटर हैंडल ने लिखा, 'पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ठंड के मौसम में मुर्री में पर्यटकों की मौत पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने मर्री में मारे गए पर्यटकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि मर्री में हुई दुखद त्रासदी से पूरा देश शोक में है।

मीडिया से बात करते हुए मर्री से पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, 'लोग मर्री और गल्यात में फंस गए हैं। इन शासकों को लोगों की परवाह नहीं है। एक हफ्ते पहले खबर आई थी कि बर्फबारी होगी। सरकार के मंत्री अभी भी मदद करने में असमर्थ हैं।' ट्विटर यूजर कामरान अंसारी ने लिखा, 'कृपया बर्फ देखने का पागलपन खत्म करें। बर्फबारी के कारण लोगों की जान जा रही है। मर्री की यात्रा न करें।' एक अन्य यूजर वकास अली खान ने लिखा, 'सर्दियों के पर्यटन को तभी बढ़ावा दें जब आप इसके लिए तैयार हों। मर्री की हालत टेस्ट केस है। हमें मर्री की स्थिति से सीखना होगा और किसी भी तरह के पर्यटन को बढ़ावा देने से पहले तैयारी करनी होगी।' सोशल मीडिया यूजर शाजिया लिखती हैं, 'मर्री में बीती रात भारी बर्फबारी से कई मौतें हुई हैं।' ट्विटर यूजर आबिद सफी ने लिखा, 'एक राज्य जो मर्री में फंसे अपने 6,000 स्थानीय पर्यटकों को नहीं बचा सकता है, वह दुनियाभर से पर्यटकों को आमंत्रित कर रहा है।' 

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