प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आईआईटी कानपुर के छात्रों को जीवन में शॉर्टकट से बचने और चुनौतियों का सामना करने और कुशल समाधान के साथ उन्हें दूर करने का प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सच्ची स्वतंत्रता का मूल है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी यह दौर पूरी तरह तकनीक आधारित है। इस दशक में तकनीक अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना तकनीक के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि आईआईटी कानपुर ने आपको वह ताक़त दी है कि अब आपको अपने सपने पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता है।
आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि हर देश के पास देने के लिए एक संदेश है, पूरा करने के लिए एक अभियान है, एक नियति है, जहां तक पहुंचना है। अगर हम आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे, तो हम अपनी नियति तक कैसे पहुंचेंगे? यह आप ही हैं, जिन्हें यह करना है और हमारे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। यह जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।
रोबोट वर्जन न बनें, समस्याओं का समाधान ढूंढें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र बनकर उभरा है और यह उपलब्धि आईआईटी के छात्रों की मदद से हासिल की गई है। कई स्टार्टअप तो हमारे आईआईटी के युवाओं ने शुरू किए हैं। आप सभी से आग्रह है कि आप अपने स्वयं के रोबोट वर्जन कभी न बनें। अपनी मानवीय संवेदनाओं, कल्पनाओं और जिज्ञासा को हमेशा जिंदा रखिए। देश में 75 से अधिक यूनिकॉर्न और 50,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। इनमें से 10,000 केवल पिछले छह महीनों में आए हैं। उन्होंने कहा कि 5G तकनीक विकसित करने में आईआईटी कानपुर के योगदान को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। जब भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो इसमें आज यहां मौजूद सभी छात्रों का योगदान शामिल होगा। उन्होंने छात्रों को समस्याओं की खोज करने और उनका समाधान खोजने की सलाह दी।
अब दो मिनट भी बर्बाद नहीं कर सकते
उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 25 साल पूरे होने तक हमें बहुत कुछ हासिल कर लेना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से हम बहुत कुछ नहीं कर सके। लेकिन अब हमारे पास बर्बाद करने के लिए दो मिनट भी नहीं है। आत्मनिर्भर राष्ट्र के लिए हमें धार्मिक रूप से प्रयास करना चाहिए। छात्रों से उन्होंेने कहा कि आने वाले 25 सालों में भारत के विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी होगी। जब आप अपने जीवन के 50 साल पूरा कर रहे होंगे, उस समय का भारत कैसा होगा, उसके लिए आपको अभी से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बीते 7 वर्षों में छात्रों की सहायता के लिए केंद्र द्वारा कई कार्यक्रम पेश किए गए हैं। युवाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मदद से बड़ी चुनौतियों का अधिक कुशलता से सामना करने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह सदी पूरी तरह से प्रौद्योगिकी से प्रेरित है। छात्रों ने अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्ष प्रौद्योगिकी के बारे में सीखने में लगाए हैं। इससे किसी भी अन्य ताकत के लिए आपको उत्कृष्ट प्रदर्शन करने से रोकना असंभव हो जाएगा।
राष्ट्र ही नहीं, आपके जीवन का भी अमृतकाल
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर, भारत के उन कुछ चुनिंदा शहरों में से है, जहां इतनी विविधता है कि सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, जब हम इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं। 1930 के दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे, 1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की प्राप्ति उनके जीवन का स्वर्ण चरण था। आज आप भी एक तरह से उसी सुनहरे युग में कदम रख रहे हैं। जैसे यह राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही यह आपके जीवन का भी अमृतकाल है। इससे पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्येमंत्री योगी आदित्यंनाथ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए इस देश ने 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। आईआईटी कानपुर ने राज्य सरकार के साथ पारस्परिक सहयोग के अनेक उदाहरण पेश किए हैं।
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