बहुत से लोग इस बात को मानते हैं कि यह भगवान श्रीकृष्ण की कृपा ही है कि जब भारत सहित रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश और अनेक यूरोपीय देशों में गीता जयंती मनाई जा रही हो तब भारत की संसद में श्रीमद्भगवद्गीता की चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि 20 दिसंबर को संसद में उत्तर मुंबई से भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि क्या सरकार देशभर के विद्यालयीन छात्रों को गीता पढ़ाने पर विचार कर रही है!उनके इस प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, ''शिक्षा राज्य का विषय है। यदि राज्य सरकार चाहें तो गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती हैं।'' उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अंतर्गत कक्षा छह, सात और आठ में गीता के कुछ अंशों को पढ़ाया भी जा रहा है।
वहीं एक लिखित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि योग विषय के अंतर्गत गीता को यूजीसी-नेट परीक्षा में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया, ''अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने 2018 में यूजी इंजीनियरिंग में भारतीय पारंपरिक शिक्षा प्रणाली पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है, जिसमें गीता के कुछ भाग समाहित हैं।''
यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी विदेश जाते हैं, तो वे अपने साथ गीता ले जाते हैं और उसे वहां के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को भेंट करते हैं। यानी यह सरकार गीता के ज्ञान को प्रसारित करने का प्रयास कर रही है।
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