खर्चा किसी और का, पर्चा किसी और का और आंदोलन राकेश टिकैत का
Wednesday, May 25, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

खर्चा किसी और का, पर्चा किसी और का और आंदोलन राकेश टिकैत का

आशीष कुमार अंशु by आशीष कुमार अंशु
Dec 7, 2021, 01:25 pm IST
in भारत, दिल्ली
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कथित आंदोलन के पुर्जा मात्र हैं। इस आंदोलन को चलाने के लिए खर्चा किसी और का है और राकेश टिकैत जिस बयान को मीडिया के सामने पढ़ रहे हैं वह पर्चा भी किसी और का है।

खालिस्तानी समर्थक मो धालीवाल, आईएसआई के लिए काम करने वाला पीटर फ्रेडरिक, मोनिका गिल, प्रीत कौर गिल, आसिस कौर, क्लाउडिया वेबबे जैसे भारत विरोधियों के बीच भारत में किसान आंदोलन का चेहरा बने राकेश टिकैत को देखना क्या किसी भारतीय को पसंद आ सकता है?

जब प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून वापसी की घोषणा हुई, उसके बाद 22 नवंबर 2021 को ‘कौर (कोर) किसान’ नाम के एक संगठन की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा ये सभी खालिस्तान और आईएसआई समर्थक भी शामिल हुए।

गुपचुप तरीके से हुए वेबीनार की यह खबर कभी सामने नहीं आ पाती। यह जानकारी ‘व्हेयर-इज-प्रूफ’ नाम के एक ट्विटर हैंडल और कुछ खोजी वेबसाइट की वजह से सार्वजनिक हो पाई है। इस वेबीनार में हुए संवाद के संबंध में जिस तरह की जानकारी सामने आ रही है, उससे यही लगता है कि राकेश टिकैत कथित आंदोलन के पुर्जा मात्र हैं। इस आंदोलन को चलाने के लिए खर्चा किसी और का है और राकेश टिकैत जिस बयान को मीडिया के सामने पढ़ रहे हैं वह पर्चा भी किसी और का है।

जूम मीटिंग में जिस संगठन की ओर से ये मीटिंग आयोजित की गई थी, उस ‘कौर फार्मर्स’ की मेज़बान राज कौर ने टिकैत की खूब तारीफ की। खालिस्तानियों और आईएसआई हक में यदि राकेश काम करेंगे तो उनके बीच प्रशंसा पाएंगे ही। 26 जनवरी, 2021 को लाल किले की प्राचीर पर राकेश टिकैत समर्थकों का चढ़ जाना और दिल्ली में जगह—जगह हिंसा और अराजकता फैलाने की खबर आना, कौन भूल सकता है? उसके बाद यह आंदोलन खत्म मान लिया गया था। लोकतांत्रिक मूल्यों का हवाला देकर प्रारंभ हुए आंदोलन के पास इतनी हिंसा फैलाने के बाद, आंदोलन को जारी रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचता था। लेकिन एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद यह आंदोलन जारी रहा।

नाटकीयता से पहले एक बात हुई थी। जिसकी चर्चा दिल्ली में मीडिया वालों के बीच हुई लेकिन वह खबर रिपोर्ट नहीं हुई। यदि वेबीनार का आडियो और स्क्रीनशॉट एक खबरिया वेबसाइट के पास नहीं होता तो यह महत्वूपर्ण खबर भी रिपोर्ट नहीं हो पाती। जनवरी महीने की अंतिम तारीख को यह बात सामने आई कि राकेश टिकैत आंदोलन को खत्म करने के पक्ष में थे, लेकिन देश की सरकार को अस्थिर करने का यह आंदोलन जिनका टूल किट है, ऐसे कुछ लोग राकेश के टैन्ट में गए थे। उनके जाने के बाद ही राकेश मीडिया के सामने आकर रोए और लेफ्ट—लिबरल मीडिया अचानक से सक्रिय हो गई। ऐसा लगा कि जिस आंदोलन ने नैतिक समर्थन खो दिया था, उसे खालिस्तानी—बल ने एक बार फिर से खड़ा कर दिया। यदि राकेश टिकैत के टेन्ट में सीसीटीवी कैमरा होता तो यह खबर भी सिर्फ चर्चा में नहीं रहती। संभव है कि इसे एक प्रामाणिक आधार मिल पाता।

जब कृषि कानून निरस्त किए गए। उसके बाद भी टिकैत आंदोलन को खत्म ना करने के लिए मजबूर थे। ऐसा उनके बयानों से लग रहा था। मानों उन्होंने वर्ष 2022 और वर्ष 2024 तक किसानों के नाम पर प्रदर्शन के लिए किसी संगठन से अग्रिम ले रखा हो।

तीन कानून वापसी होने के बाद राकेश ने खुशी नहीं जताई। वे अधिक दुखी दिखे। अब उनके एजेंडे से तीन कृषि कानून का मुद्दा हट गया। अब वे एमएसपी, प्रदर्शनकारियों की मौत जैसे विषयों के साथ मैदान में आ डंटे। सरकार इन मुद्दों को सुलझाने के लिए पहल कर रही है, दूसरी तरफ राकेश जिनके साथ जूम मीटिंग कर रहे हैं, वे लोग इसे उलझाने की उन्हें नई—नई तरकीब बता रहे हैं।

यदि बैंकों के मुद्दे पर सहमति बन जाती है तो निजीकरण और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी हैं उनके झोले में, जिन्हें लेकर उन्हें 2022—24 तक अपने आंदोलन को प्रासंगिक बनाए रखना है। जिनके पास प्रीपेड मोबाइल हैं, वे इस बात को अधिक बेहतर तरह से समझ सकते हैं कि ऐसा मोबाइल उतना ही चलता है, जितने का रिचार्ज होता है। राकेश टिकैत के आंदोलन को देखने और समझने वाले यह कह रहे हैं कि उनके आंदोलन की वेैलीडिटी मई, 2024 तक की है, क्योंकि राकेश के आंदोलन में रिचार्ज उतने का ही हुआ है।

ShareTweetSendShareSend
Previous News

राजौरी में आतंकियों ने धमकी भरे पोस्टर चिपकाए, जांच में जुटी पुलिस

Next News

8 दिसंबर को मथुरा आएंगे सीएम योगी

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर सक्रिय आतंकी, घाटी में अराजकता फैलाने की कोशिश में पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर : जैश-ए-मोहम्मद के माड्यूल का भंडाफोड़, आठ मददगार गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर सक्रिय आतंकी, घाटी में अराजकता फैलाने की कोशिश में पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर : जैश-ए-मोहम्मद के माड्यूल का भंडाफोड़, आठ मददगार गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies