मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को सचिवालय में उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जहां निर्णय लिया गया कि किसान उपज केवल मंडी में ही बेच सकेंगे। इसके लिए पुरानी व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। माना जा रहा है ऐसा प्रस्ताव यूपी व अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी लागू किया जाने वाला है।
दरअसल, 2020 में कृषि कानूनों में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से आग्रह किया था कि वो मंडी एक्ट में संशोधन कर ये प्रावधान करें कि किसान अपनी उपज मंडी में या मंडी से बाहर कहीं भी बेच सकता है। उत्तराखंड और यूपी सरकार ने 2011 के राज्य कृषि उत्पादन मंडी (विकास-विनियमक) अधिनियम में संशोधन करके राज्य कृषि उपज पशुधन विपणन अधिनियम (प्रोत्साहन व सुविधा) 2020 लागू किया था। जिसे अब सरकार वापस ले रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसकी प्रकिया पूरी कर ली जाएगी। इस घोषणा के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर इसे मंजूरी भी दे दी है। माना जा रहा है कि यूपी में भी ऐसा अगली कैबिनेट बैठक में निर्णय ले लिया जाएगा, ताकि किसानों के मन मे कोई दुविधा न रहे। पुरानी मंडी व्यवस्था लागू होने से मंडी परिषद फिर से 2 प्रतिशत मंडी शुल्क उपज खरीदारों से वसूल सकेगी। माना ये भी जा रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार मंडी समितियों के जरिये किसानों की आय बढ़ाने के विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
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