गो-संरक्षण केन्द्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, साफ-सफाई आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि संरक्षण केन्द्रों में केयर टेकर तैनात रहें, जो इन पशुओं की देखरेख करें. सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि आने वाले दिनों में पशुओं को ठंड न लगने पाए.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री निराश्रित-बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ को लागू किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत कोई भी इच्छुक किसान एवं पशुपालन निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए उसे अपने पास रख सकता है.
इस योजना के अन्तर्गत गोवंश के पालन-पोषण के लिए लाभार्थी को 9 सौ रुपए प्रतिमाह प्रति गोवंश प्रदान किए जाने का प्रावधान है. प्रदेश में पोषण मिशन के अन्तर्गत 1,883 कुपोषित परिवारों को कुल 1,894 गोवंश तथा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत 56,853 पशुपालकों को 1,03,714 गोवंश सुपुर्द कर लाभान्वित किया गया है.
वर्तमान में प्रदेश में 5,384 गो-संरक्षण केन्द्र हैं, जिनमें 6,50,052 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. पशुओं के भरण-पोषण हेतु पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गई धनराशि से 8,66,348 कुन्तल भूसा खरीदा गया है, जबकि दान दाताओं द्वारा 21,037 कुंटल भूसा उपलब्ध कराया गया है. इस प्रकार प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 8,87,385 कुंटल भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
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