भारत के दूतावास के अनुसार, बहरीन की 'नेशनल रेग्युलेटरी अथॉरिटी' ने कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है
भारत में बनी भारत बायोटेक फार्मा कंपनी के कोरोना रोधी कोवैक्सीन टीके को अब बहरीन सरकार द्वारा मंजूरी मिली है। वहां स्थित भारतीय दूतावास ने बताया है कि उस देश की 'नेशनल हेल्थ रेग्युलेटरी अथॉरिटी' ने भारतीय टीके कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग को हरी झंडी दिखा दी है।
बहरीन की राजधानी मनामा स्थित भारतीय दूतावास से आई इस सूचना के बाद अब भारत के इस कोरोना रोधी टीके को बहरीन सहित 97 देशों में मान्य किया जा चुका है। इन 97 देशों में अमेरिका, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस जैसे बड़े और विकसित देश शामिल हैं। कोवैक्सीन टीके को मान्यता मिलने के बाद अब भारतीयों के लिए इन देशों की यात्रा पर जाना आसान हो गया है।
उधर, खाड़ी के देश बहरीन की 'नेशनल हेल्थ रेग्युलेटरी अथॉरिटी' ने भी इस बारे में एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है, ''बहरीन की राजशाही के नेशनल हेल्थ रेग्युलेटरी अथॉरिटी (एनएचआरए) ने आज भारतीय मल्टीनेशनल बायोटेक्नोलॉजी कंपनी, भारत बायोटेक की तैयार की कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग को मंजूरी दे दी है।’ बयान में आगे कहा गया कि 'कोवैक्सीन को हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्य किया गया है।' बहरीन में भी इस टीके को मान्यता मिलने के बाद अब वहां 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोग इस टीके को लगवा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 3 नवम्बर 2020 को डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन को ‘आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध’ का दर्जा दिया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के इस संस्थान के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने इसकी सिफारिश की थी। संस्थान ने कहा था कि उसके द्वारा बनाये गये उक्त समूह, जिसमें दुनियाभर के नियामक विशेषज्ञ हैं, को पूरी आश्वस्ति है कि कोवैक्सीन कोरोना के विरुद्ध रक्षा करने से जुड़े उसके मानकों पर खरी उतरी है।
बहरीन राजशाही द्वारा जारी इस बयान में कहा गया है कि यह फैसला भारत बायोटेक इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के पूरे गौर से आकलन करने के बाद लिया गया है। डाटा का आकलन एनएचआरए की 'क्लिनिकल ट्रायल कमेटी' और वहां स्वास्थ्य मंत्रालय की टीकाकरण समिति ने किया था। वैक्सीन की क्लिनिकल जांच में 26,000 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था। इससे पता चला था कि दो-खुराकों वाली रेजीमेन वैक्सीन कोरोना संक्रमण के विरुद्ध 77.8 प्रतिशत तथा कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों के विरुद्ध यह वैक्सीन 93.4 प्रतिशत तक असरदार है। सुरक्षा डाटा में इसका दुष्प्रभाव बेहद कम दिखा है।
उल्लेखनीय है कि 3 नवम्बर 2020 को डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन को ‘आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध’ का दर्जा दिया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के इस संस्थान के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने इसकी सिफारिश की थी। संस्थान ने कहा था कि उसके द्वारा बनाये गये उक्त समूह, जिसमें दुनियाभर के नियामक विशेषज्ञ हैं, को पूरी आश्वस्ति है कि कोवैक्सीन कोरोना के विरुद्ध रक्षा करने से जुड़े उसके मानकों पर खरी उतरी है। इस वैक्सीन के लाभ खतरों के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं इसलिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
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