पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार अब केंद्र सरकार के साथ टकराव पर आमादा है। राज्य सरकार ने किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में उत्पात मचाने वाले 83 लोगों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। ये वही लोग हैं जिन्होंने बीते साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर से पुलिस वालों को कुचलने का प्रयास किया था और लालकिले पर खालिस्तानी झंडा फहराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैंं। इससे पहले पंजाब सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों और बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है। पंजाब सरकार के इन फैसलों को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा करके राज्य सरकार एक ओर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे कथित किसानों को साधने की कोशिश कर रही है और दूसरी ओर दिल्ली हिंसा के बाद कांग्रेस से दूर जा चुके युवाओं भी लुभाने की कोशिश भी कर रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि उनकी सरकार केंद्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में किसानों के साथ है। इससे पहले 11 नवंबर को राज्य की कांग्रेस सरकार ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नया कानून पारित किया था। इसमें केंद्र के कृषि कानूनों को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में गैर कानूनी अतिक्रमण करार दिया गया है।
हालांकि बीते साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में लालकिला प्रकरण से संयुक्त किसान मोर्चा ने पल्ला झाड़ लिया था। मोर्चा ने इसे जानबूझ कर की गई शरारत के करार देते हुए कहा था कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का कार्यक्रम लालकिला की ओर नहीं था। मोर्चा ने इसका ठीकरा पंजाबी अभिनेता दीप सिंह सिद्धू पर फोड़ा था। बता दें कि इससे पहले बीते साल अक्तूबर में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में भी संशोधित कृषि कानून पारित किया गया था।
बीएसएफ का पंजाब सरकार को जवाब
इस बीच अधिकार क्षेत्र बढ़ाने को लेकर जारी विवाद पर बीएसएफ ने परोक्ष रूप से पंजाब सरकार को जवाब दिया है। जालंधर में शनिवार को बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर की आईजी सोनाली मिश्र ने कहा कि ड्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी करने से कानून में कोई बदलाव नहीं होगा। बीएसएफ पहले की तरह तालमेल से काम करती रहेगी। इससे पंजाब पुलिस के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तलाशी के दौरान हमें जो कुछ मिलता है, उसे पंजाब पुलिस या राष्ट्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो को सौंप देते हैं। पुलिस या अन्य एजेंसियां उसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करती है और अदालत में आरोपपत्र दाखिल करती है। बीएसएफ केवल उन्हें सहयोग कर सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा कि 2019 में पहली बार ड्रोन पकड़े गए। पहले ये कम ऊंचाई पर उड़ते थे तो उन्हें पकड़ना आसान था, लेकिन अब तस्करों ने अच्छी गुणवत्ता वाले ड्रोन ले लिए हैं जो न केवल अधिक ऊंचाई पर उड़ते हैं, बल्कि जीपीएस से संचालित होते हैं। नई तकनीक के इस्तेमाल से ड्रोन के जरिए ड्रग्स या हथियारों की तस्करी बढ़ी है। अभी बीएसएफ 15 किमी तक पेट्रोलिंग करती है। अगर ड्रोन के बाहर कहीं उतरेगा तो हमें पता नहीं चलेगा। नए अधिकार क्षेत्र में बीएसएफ के लिए उन्हें पकड़ना आसान होगा।
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