पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन स्थिति में वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की इस पर लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेस-वे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा सुल्तानपुर में एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किए जाने से पूर्व वायुसेना यहां लड़ाकू विमान की ट्रायल लैंडिंग कर सकती है।
पूर्वांचल के लोगों के लिए अब दिल्ली दूर नहीं
341 किमी. लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन से पूरब के लोगों को तरक्की का 'गेटवे' भी मिल जाएगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी। गाजीपुर से सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित कर ली गई है।
स्थापित होंगी फैक्ट्रियां
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं। इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर दी जा रही है। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके। इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
तेज होगी विकास की तफ्तार
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को तेज किया जाएगा। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
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