पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार मतदाताओं को लुभाने में जुट गई है। चन्नी ने घरेलू बिजली दरें तीन रुपये सस्ती कर दी हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस फैसले का आगामी चुनाव से कोई संबंध नहीं है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ही इसका पुरजोर विरोध किया है। चन्नी ने जहां बिजली दर सस्ती कर इसे ‘दिवाली गिफ्ट’ बताया है, वहीं सिद्धू ने इसे झूठ और फरेब करार दिया है। सिद्धू ने कहा कि पौने पांच साल मौज करने के बाद आखिरी दो माह में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री चन्नी ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद तत्काल प्रभाव से राज्य में घरेलू बिजली की दरें 3 रुपये घटाने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद 100 यूनिट तक बिजली 1.19 रुपये में मिलेगी, जो पहले प्रति यूनिट 4.19 रुपये थी। 100 से 300 यूनिट तक 7 रुपये की जगह 4.01 रुपये और इससे अधिक प्रति यूनिट 5.76 रुपये होगी। चन्नी का दावा है कि बिजली की ताजा दरें देश में सबसे कम हैं।
3,316 लाख करोड़ रुपये सब्सिडी
मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रदेश में 72 लाख बिजली उपभोक्ता हैं और इस फैसले से राज्य के 95 प्रतिशत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि 53 लाख उपभोक्ताओं का दो किलोवाट तक बिजली पहले ही माफ की जा चुकी है। यह राशि करीब 1500 करोड़ रुपये है। लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए फिक्सड दरें घटा कर आधी कर दी गई हैं। इसके अलावा 21 लाख उपभोक्ताओं का 200 यूनिट बिजली पहले ही माफ किया जा चुका है। बिजली बिल माफी के लिए राज्य सरकार 3,316 करोड़ की सब्सिडी देगी।
उन्होंने दिवाली पर कर्मचारियों के लिए भी पिटारा खोला। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों का डीए 11 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के रहते कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।यह फैसला भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इससे राज्य के खजाने पर 440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। बता दें कि में राज्य सरकार सीवरेज-पानी का बकाया बिल भी माफ कर चुकी है।
सिद्धू ने पूछा- पैसा कहां से आएगा?
मंत्रिमंडल बैठक के बाद चन्नी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कुछ लोग यह सोचेंगे कि चुनाव के कारण ये फैसले लिए गए हैं, पर ऐसा नहीं है। वहीं, सिद्धू ने चन्नी पर हल्ला बोला है। चंडीगढ़ में संयुक्त हिंदू महासभा को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा कि नेताओं को यह बताना चाहिए कि पंजाब में विकास का रोड मैप क्या है? सब्सिडी के लिए पैसा कहां से आएगा? कोई यह नहीं बताता कि पंजाब का कल्याण कैसे होगा? 500 झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए पूछा कि कोई बताएगा यह सब कहां से देंगे? सूबे पर 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार तो इसे चुकाएगी नहीं, लोगों को ही चुकाना होगा। इसके बावजूद अगर कोई कहता है कि राज्य का खजाना भरा हुआ है तो यह झूठ है। ऐसा है तो ईटीटी शिक्षकों को वेतन, 2004 से जिन्हें पेंशन नहीं मिली, उन्हें पेंशन और उद्योगों को सब्सिडी दो।
टिप्पणियाँ