पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान के सामने मजबूर हो कर उससे कुछ समझौता किया है जिसके बाद इस्लामाबाद कूच करती मजहबी उन्मादियों की हजारों की भीड़ रास्ते में थम गई
वेब डेस्क
पिछले कई दिनों से पाकिस्तान में जबरदस्त हिंसक उथल—पुथल मचाने वाले प्रतिबंधित आतंकी गुट तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आगे आखिरकार इमरान सरकार घुटनों के बल आ गई। इस गुट ने इस्लामाबाद पर चढ़ बैठने की धकी दी थी। इसने पाकिस्तानी पंजाब में काफी तोड़फोड़ और हिंसा की थी, जिसमें चार पुलिस वालों की मौत हुई थी। हालात इतने खराब थे कि इस्लामाबाद के चारों तरफ रेंजर्स तैनात करके आंदोलनकारियों को 'किसी भी तरह रोकने' के फरमान दिए गए थे।
ताजा समाचार के अनुसार, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान के सामने मजबूर हो कर उससे कुछ समझौता किया है जिसके बाद इस्लामाबाद कूच करती मजहबी उन्मादियों की हजारों की भीड़ रास्ते में थम गई है। एक प्रेस कांफ्रेंस में समझौते की जानकारी तो दी गई लेेकिन यह किन शर्तों पर हुआ है इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है। बताते हैं, इमरान सरकार और प्रतिबंधित तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान लंबी बातचीत के बाद यह समझौता इमरान की तरफ से नियुक्त हुए वार्ताकारों के एक दल ने 31 अक्तूबर को किया है।
उल्लेखनीय है कि तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान की फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से बाहर निकालने की मांग न मानने के बारे में इमरान सरकार पहले ही कह चुकी थी। उसी से भड़ककर टीएलपी ने अपने समर्थकों में इस्लामाबाद की ओर बढ़ने का उन्माद भरा था। पाकिस्तान सरकार ने उन मजहबी उन्मादियों को रोकने के लिए सड़कों पर बड़े बड़े कंटेनर खड़े कर दिए थे। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे।
हिंसक आंदोलन को बढ़ता देखकर प्रधानमंत्री इमरान ने 30 अक्तूबर को कुछ नामी मौलवियों के दल को तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान के साथ बात करने का काम दिया था। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस करके बताया गया कि समझौता हो गया है। इस प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, मुफ्ती मुनीबुर रहमान, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर, मंत्री अली मोहम्मद खान, टीएलपी का सदस्य मुफ्ती गुलाम अब्बास फैजी तथा मुफ्ती मोहम्मद अमीर मौजूद थे।
हिंसक आंदोलन को बढ़ता देखकर प्रधानमंत्री इमरान ने 30 अक्तूबर को कुछ नामी मौलवियों के दल को तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान के साथ बात करने का काम दिया था। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस करके बताया गया कि समझौता हो गया है। इस प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, मुफ्ती मुनीबुर रहमान, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर, मंत्री अली मोहम्मद खान, टीएलपी का सदस्य मुफ्ती गुलाम अब्बास फैजी तथा मुफ्ती मोहम्मद अमीर मौजूद थे।
पाकिस्तान के अखबार द डान ने सरकार की तरफ से समझौता वार्ता का नेतृत्व करने वाले मुफ्ती मुनीब को उद्धृत करते हुए छापा है कि इमरान सरकार तथा टीएलपी के बीच खुशनुमा माहौल में लंबी बातचीत के बाद समझौता हो गया। मुफ्ती ने कहा कि समझौते के बारे में विस्तार से जानकारी सही वक्त पर साझा की जाएगी।
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