कश्मीर को लेकर किए गए संबोधन पर JNU के कई छात्र और शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। छात्र संगठन ABVP ने इसे गैर संवैधानिक वेबिनार कहा है। साथ ही कहा है कि वेबिनार वेबपेज ने जम्मू-कश्मीर को 'भारत अधिकृत कश्मीर' के रूप में संबोधित किया है, जो की गलत है। ABVP ने आयोजकों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
कुलपति ने दिए जांच के निर्देश
कुलपति एम जगदीश कुमार ने बताया कि वेबिनार के लिए संकाय सदस्य ने प्रशासन की अनुमति नहीं ली थी। जांच के लिए निर्देश दे दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह बेहद आपत्तिजनक और उकसाने वाला विषय है, जो देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल खड़ा करता है। JNU इस तरह के वेबिनार का मंच नहीं हो सकता है। फिलहाल मामले का जांच की जा रही है।
'JNU को देश विरोधी दर्शाने की कोशिश'
JNU के शिक्षकों का कहना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसे 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' के रूप में संबोधित करना बेहद गलत है। ऐसा करके जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को देश विरोधी दर्शाने की कोशिश का जा रही है। वहीं, वेबिनार के रद्द होने पर शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया है।
वकील ने दर्ज कराई शिकायत
आपत्तिजनक वेबिनार के योजन का विरोध करते हुए दिल्ली के एक वकील ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज और वेबिनार के आयोजकों के खिलाफ कथित तौर पर ‘जेंडर्ड रेजिस्टेंस एंड फ्रेश चैलेंजेज इन पोस्ट-2019 कश्मीर’ नाम इस्तेमाल करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
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