कोरोना टीकाकरण : तेजी से बढ़े कदम मंजिल पाएंगे हम
Monday, July 4, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

कोरोना टीकाकरण : तेजी से बढ़े कदम मंजिल पाएंगे हम

WEB DESK by WEB DESK
Oct 28, 2021, 01:55 pm IST
in भारत, दिल्ली
टीकाकरण 100 करोड़ के पार

टीकाकरण 100 करोड़ के पार

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
21 अक्तूबर की शाम तक एक अरब, 58 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लग चुका था। टीकाकरण का यह अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ। नौ महीने में इतने लोगों को टीका लगाना कोई छोटी बात नहीं है। अगर यह तेजी बनी रहेगी तो आने वाले कुछ दिनों में ही यह अभियान मंजिल तक पहुंच जाएगा

 

भारत के लिए 21 अक्तूबर, 2021 का दिन ऐतिहासिक हो गया। इस दिन भारत में एक अरब से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लग चुका था। यह एक ऐसा विश्व कीर्तिमान है, जिसे पूरा विश्व महामारी काल में भारत की एक और महान उपलब्धि के रूप में देख रहा है। भारत ने देश के कई विपक्षी दलों के महाविरोध और कितनी ही विकट परिस्थितियों के बाद जो यह सफलता पाई है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। हालांकि हम अभी देश से पूरी तरह कोरोना के समाप्त होने का उत्सव नहीं मना सकते। आने वाले दो-तीन महीने अभी और हमारी परीक्षा के दिन रहेंगे। लेकिन 30 जनवरी, 2020 से 21 अक्तूबर, 2021 के 631 दिन तक की यात्रा में हमारे देश ने कोरोना की मुश्किल जंग पर जो जीत हासिल की है, उसका जश्न तो बनता है।

‘एक कोरोना रोगी से एक अरब टीकाकरण तक’ का यह सफर, चाहे कई उतार चढ़ावों से गुजरा, लेकिन जो एक विश्वास हमेशा कायम रहा, वह यह था—हम होंगे कामयाब। इसलिए यह कामयाबी, यह जश्न शक्ति और उत्साह देने के साथ हमें तो प्रेरित करता ही है, साथ ही विश्व को भी प्रेरित करता है कि भारत ने अपनी विशाल जनसंख्या और सीमित साधनों के बावजूद इतना सब करके दिखा दिया। इस पर दिल्ली ही नहीं, देश के प्रतिष्ठित ‘प्रभात प्रकाशन’ के प्रमुख प्रभात कुमार कहते हैं, ‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी की अप्रतिम जिजीविषा और संकल्पशक्ति का प्रमाण है कि देश में मात्र 9 महीने में ही 100 करोड़ टीकाकारण संभव हो सका। साथ ही कुछ अन्य देशों को भी भारत द्वारा अपने यहां निर्मित टीके भेजने से, ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का हमारा दर्शन भी इससे चरितार्थ हुआ।’’

यूं आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण के मामले में फिलहाल चीन पहले नंबर पर है तो भारत दूसरे नंबर पर। हालांकि चीन के आंकड़ों पर हम सहसा विश्वास नहीं कर सकते। यहां तक कि चीन की वैक्सीन की विश्वसनीयता में भी पाकिस्तान के अलावा किसी और देश को खास भरोसा नहीं है। फिर यह भी कि टीकाकरण के आरंभिक चरणों में हम अप्रैल और मई, 2021 में विश्व में सबसे आगे थे। अभी भी टीकाकरण में भारत यूरोप, अमेरिका, ब्राजील, जापान, जर्मनी, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली जैसे तमाम देशों से आगे है। इस 100 करोड़ के टीकाकरण के पार के बाद भारत अब एक ऐसा देश हो गया है जिसमें करीब 71 करोड़ लोगों को एक टीका और करीब करीब 30 करोड़ लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं।

देश के जाने-माने चिकित्सक डॉ. अचल शंकर दवे कहते हैं, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी नीतियों और दिन-रात के परिश्रम से भारत में कोरोना की रफ्तार को जिस तरह थामा है वह उनकी बड़ी सफलता है। मैं पिछले कुछ समय से कैम्ब्रिज में अपने पुत्र डॉ. आशीष के साथ हूं। लेकिन मैं यहां जब समाचारों में देखता हूं कि भारत में अब कोरोना के प्रतिदिन 12 से 15 हजार रोगी ही आ रहे हैं तो बहुत खुशी मिलती है, क्योंकि ब्रिटेन में टीकाकरण के बावजूद अभी भी रोजाना 40 से 45 हजार मरीज आ रहे हैं। भारत में 130 करोड़ की आबादी के बाद कोरोना और टीकाकरण में इतनी बड़ी उपलब्धि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व और उनकी पूरी टीम की कर्मठता से ही मिल सकी है।’’    

 

कोरोना के दौरान ही प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को सात बार संबोधित कर चुके थे। समय और बदलते हालात में प्रधानमंत्री ने इस दौरान कोरोना को लेकर विभिन्न नारे गढ़े। जैसे ‘जान भी जहान भी’, ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’, ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाइ नहीं’ और ऐसे ही ‘दवाई भी कड़ाई भी’। इन नारों का जनता पर काफी गहरा असर पड़ा

वैश्विक प्रशंसा
भारत में जिस तीव्र गति से टीकाकरण हो रहा है और कोरोना को हराने में हम विश्व के मुकाबले जिस तरह ज्यादा सफल हो रहे हैं, उसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय संगठन भी मुक्त कंठ से कर रहे हैं। भारत के 100 करोड़ के टीकाकरण के लक्ष्य की सफलता पर तो दुनियाभर से प्रधानमंत्री मोदी को बधाइयां मिल रही हैं। लेकिन इधर विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने हाल ही में वाशिंगटन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट के दौरान भारत के टीकाकरण रिकॉर्ड की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। उधर संयुक्त राष्ट्र तो कोरोना को लेकर भारत की विभिन्न नीतियों और कार्यशैली की 18 अप्रैल, 2020 से लेकर इस वर्ष 29 जनवरी, 21 फरवरी और 25 मार्च को भी तारीफ कर चुका है। साथ ही विश्व स्वास्थ संगठन भी पिछले वर्ष 4 जुलाई और इस वर्ष 4 जनवरी, 11 फरवरी और 26 फरवरी सहित और भी कुछ मौकों पर भारत की प्रशंसा करने में पीछे नहीं रहा। इस पर वरिष्ठ रंगकर्मी और ‘उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र’, प्रयागराज के निदेशक सुरेश शर्मा कहते हैं, ‘‘भारत और पीएम मोदी की पूरी दुनिया में सराहना तो बनती ही है। मोदी जी ने असंभव को संभव करके जो कार्य कर दिखाया है, वह किसी आम प्रधानमंत्री के लिए कतई संभव नहीं था। हर देशवासी को अपने प्रधानमंत्री के इन महान कार्यों पर, उनकी दूरदर्शिता पर गर्व होना चाहिए।’’

 विपक्ष की शर्मनाक भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट की गंभीरता को समझते हुए जिस तरह मार्च, 2020 में ही इसकी रोकथाम और बचाव की कमान अपने हाथ में लेकर एक के बाद एक करके जो कारगर कदम उठाए, उन्हें देश की जनता ने ही नहीं, दुनियाभर ने सराहा। लेकिन हमारे यहां विपक्ष के कुछ नेताओं और कुछ देश-विरोधी ताकतों को प्रधानमंत्री मोदी की दुनियाभर में जय- जयकार रास नहीं आई। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं के साथ कुछ अन्य नेता भी मोदी की लोकप्रियता को देख ईर्ष्या में घटिया राजनीति और शर्मनाक बातें करते रहे। इन और इन जैसे कुछ और नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के हर कदम का विरोध करने के साथ जनता को जमकर भड़काया। इसलिए मोदी के हर अच्छे कदम का विरोध करना इन और इन जैसे कुछ और नेताओं का नियमित नियम सा हो गया। मोदी ने लॉकडाउन लगाया तो क्यों, नहीं लगाया तो क्यों नहीं। जल्दी टीका तैयार हो गया तो विपक्ष के नेताओं ने उसे बिना प्रमाणिक और जल्दबाजी वाला, जानलेवा टीका कहना शुरू कर दिया। यहां तक कि अखिलेश यादव ने तो देश में निर्मित टीके को भाजपा का टीका तक कह दिया। साथ ही यह भी कि वे भाजपा का टीका नहीं लगवाएंगे। असल में विपक्ष के इन नेताओं को लगा कि टीका आने से देश में कोरोना थम जाएगा तो हम मोदी को कैसे कोसेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय की प्रसिद्ध वकील रेखा अग्रवाल कहती हैं, ‘‘विपक्षी दलों के कई नेताओं ने हमारी वैक्सीन के प्रति जनता को जमकर भ्रमित किया। अपनी कुंठाएं और राजनीति दर्शाई। लेकिन इस सबके बावजूद आज भारत में वैक्सीन लगवाने का भय और अंधकार दोनों खत्म हो गए हैं। एक अरब वैक्सीन लगना इस बात का प्रमाण है कि लोगों ने विपक्ष की नहीं, अपने प्रधानमंत्री मोदी की बात सुनी।’’

जनता कर्फ्यू से शुरू हुआ अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना लहर के भारत आगमन पर पहली बार 19 मार्च, 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन से ही कोरोना के विरुद्ध बड़ा अभियान छेड़ दिया था। जब मोदी ने उस दिन देशवासियों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा करते हुए सभी को उस दिन घर के भीतर रहने की अपील की तो, उनकी एक आवाज पर भारत एक हो गया। दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सैगल कहते हैं, ‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी की दूर की सोच थी कि जनता कर्फ्यू के साथ ‘जान है जहान है’ जैसे कोरोना के अपने पहले नारे से उन्होंने देश को कोरोना युद्ध के लिए तैयार कर लिया। बड़ी बात यह थी कि 22 मार्च को एक बच्चा भी सड़क पर नहीं निकला। जबकि विपक्ष ने जनता कर्फ्यू को असफल करने में पूरी ताकत झोंक दी थी। इसलिए मैं भारत में कोरोना की रोकथाम का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारत की उस जनता को भी दूंगा, जिसका बड़ा वर्ग मोदी के साथ खड़े रहकर, उनकी बातों को लगातार मानता रहा। लेकिन गैर-भाजपा शासित प्रदेश केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली ने अपनी बदइंतजामी से काफी निराश किया। आज भी केरल देश का सर्वाधिक शिक्षित राज्य होते हुए अपने कुप्रबंधन के कारण देश को सर्वाधिक कोरोना रोगी दे रहा है। दिल्ली में तो केंद्र सरकार ने आगे बढ़कर स्थितियां संभाल लीं, वरना केजरीवाल सरकार तो कोरोना नहीं, मोदी विरोधी अभियान के कार्यों में ही ज्यादा जुटी थी।’’

 उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड बेहतरीन
यूं तो भारत के कई राज्यों ने कोरोना की रोकथाम और टीकाकरण में काफी अच्छा कार्य किया। लेकिन उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जो प्रतिदिन लगभग 12 लाख टीके लगाकर सबसे ऊपर चल रहा है। उधर हिमाचल देश का सबसे पहला और उतराखंड देश का दूसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां टीका लगवाने के लिए समस्त योग्य जनसंख्या को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है। दिल्ली के जाने-माने गीतकार विनोद शर्मा कहते हैं, ‘‘हिमाचल और उतराखंड जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में शत प्रतिशत टीकाकारण एक अद्भुत उपलब्धि है।’’ लखनऊ निवासी प्रसिद्ध संगीत अध्येता, समीक्षक और लेखक के. एल. पांडे कहते हैं, ‘‘इस आपदा प्रबंध के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। उत्तर प्रदेश में एक वर्ग के विरोध के बावजूद यहां सर्वाधिक टीकाकारण होना गौरव की बात है। मोदी जी के इन कार्यों से देश की जनता का विश्वास उनके प्रति और बढ़ा है।’’ कोलकाता के सामाजिक कार्यकर्ता तथा संगीत विशेषज्ञ कमाल बेनीवाल कहते हैं, ‘‘मोदी जी की कोरोना को लेकर नीतियां शुरू से अच्छी और पारदर्शी थीं। हालांकि एक खास वर्ग ने देश में कोरोना को फैलाने में एक खास मुहिम चलाई। एक मजहबी स्थल पर देश-विदेश से आए ऐसे अनेक लोगों ने छिपकर, कोरोना के कायदे-कानून ताक पर रख दिए। फिर ऐसे ही कुछ लोगों ने जगह-जगह थूक कर, फलों आदि पर थूक से चिट चिपकाकर और मास्क न लगाने के साथ टीका न लगवाने का अभियान चलाया। लेकिन मोदी जी ने ऐसे लोगों को भी टीकाकरण से जोड़ने में सफलता पा ली।’’  

आरोग्य सेतु एप और जड़ी-बूटी
कोरोना को नियंत्रित करने में आरोग्य सेतु एप और कोविन पोर्टल की विशिष्ट भूमिका रही। साथ ही इस दौरान योग, जड़ीबूटियों का भी महत्व बढ़ा। बाबा रामदेव ने शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना के बचाव के लिए कोरोनिल सहित विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियां और पेय आदि निकालकर कोरोना को मात देने में खास भूमिका निभाई। दिल्ली के  चार्टेड अकाउंटेंट नवीन कुमार कहते हैं, ‘‘इससे हमारे प्राचीन आयुर्वेद को विश्वभर में मान्यता मिली। साथ ही इससे हमारी आयुर्वेदिक दवाओं को विश्व पटल पर बड़ा बाजार मिलने से आर्थिक व्यवस्था को भी लाभ हुआ।’’ दिल्ली के जाने-माने समाजसेवी विनोद बंसल बताते हैं, ‘‘मोदी जी ने योग दिवस पर योग का जो पाठ पढ़ाया था, वह कोरोना काल में बहुत काम आया। साथ ही नोटबंदी के दिनों में डिजिटल इंडिया होने से कोरोना में लेन-देन, व्यापार इतनी जल्दी, सरल और सहज हो गया जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं जा सकता था।’’

जनता से हुआ सीधा संवाद
यहां यह बात भी है कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में लगातार अपने संबोधनों के माध्यम से लोगों से संपर्क बनाए रखा, उससे जनता का संबल बढ़ा, उसे सभी जानकारियों, सावधानियों और सरकार की ओर से सुविधाओं के बारे में सीधे प्रधानमंत्री से पता लगता रहा। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही कोरोना को लेकर 19 मार्च से 20 अक्तूबर, 2020 तक प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को सात बार संबोधित कर चुके थे। खास बात यह थी कि समय और बदलते हालात में प्रधानमंत्री ने इस दौरान कोरोना को लेकर विभिन्न नारे गढ़े। जैसे ‘जान भी जहान भी’, ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’, ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ और ऐसे ही ‘दवाई भी कड़ाई भी’। इन नारों का जनता पर काफी गहरा असर पड़ा। दिल्ली की कवयित्री उर्वशी अग्रवाल कहती हैं, ‘‘मोदी जी के संबोधनों से देशहित में उठाए उनके समस्त कदमों की जानकारी के साथ, देश की गरीब जनता, मजदूरों और निम्न आय वर्ग की 85 प्रतिशत जनसंख्या को इस दीवाली तक मुफ्त राशन देने की जानकारी भी उनके इन्हीं संबोधनों के माध्यम से जन-जन तक पहुंची।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने आठवीं बार 20 अप्रैल, 2021 को तब भी देश के नाम अपना संबोधन दिया जब दूसरी लहर के चलते देश में एक महीना काफी खतरनाक रहा। लेकिन समय रहते युद्ध स्तर जैसे, ऐसे कदम उठाए गए कि 15 दिन के भीतर ही स्थितियां काफी हद तक नियंत्रित होने लगीं। विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर कहते हैं, ‘‘दूसरी लहर के संकट में प्रधानमंत्री मोदी ने संकनमोचक बनकर जिस तरह रातोंरात विश्व के कई देशों से आॅक्सीजन के अनेक टैंक और वेंटिलेटर्स हवाई मार्ग से मंगाए, जिस तीव्र गति से नए गैस प्लांट लगाए, रुके प्लांट में तुरंत आॅक्सीजन उत्पादन शुरू कराया वह किसी जादू से कम नहीं था। उनके इन और आॅक्सीजन एक्सप्रेस जैसे कितने ही कार्यों से चंद दिनों में ही, देश से आॅक्सीजन संकट ही नहीं, कोरोना संकट भी काफी दूर हो गया।’’

 

Download Panchjanya App
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण कोरोना नियंत्रण में है

‘आत्मनिर्भर भारत’ की अहम भूमिका
‘शिवा- द आदि एच आर’ जैसी चर्चित पुस्तक के लेखक सार्थक गुलाटी बताते हैं, ‘‘जब हमारे यहां कोरोना की पहली लहर आई तब देश में मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट्स, वेंटिलेटर्स जैसी सभी वस्तुओं का जबरदस्त अभाव था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने विपदा काल में भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ का जो मूल मंत्र दिया, उससे भारत की दिशा और दशा दोनों बदल गई। कुछ ही दिनों में भारत ने स्वयं ही इन सभी वस्तुओं का इतने बड़े पैमाने पर निर्माण करना शुरू कर दिया कि हमें विदेशों पर निर्भर नहीं होना पड़ा। फिर गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए प्रधानमंत्री ने उद्योगों की सहायता के लिए 20 रु. लाख करोड़ का पैकेज देकर देश की अर्थव्यवस्था को भी संभाले रखा।’’

भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। उन्होंने असंभव को संभव करके दिखाया है। बड़े-बड़े सुविधा संपन्न देश आज भी कोरोना से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना नियंत्रण में है। यही नहीं, अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट चुकी है

टीकाकरण की सफलता पर दिल्ली एनसीआर के सबसे बड़े अस्पताल जेपी के जाने-माने डॉ. (कर्नल) सुबोध कुमार बताते हैं, ‘‘अब से पहले देश में टीका बरसों बाद उपलब्ध होता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से पहली बार ऐसा हुआ कि भारत ने कम समय में दो-दो टीकों का निर्माण कर लिया। इससे देश को टीके के लिए न तो विदेशों की मुश्किल शर्तें मानने के लिए मजबूर होना पड़ा, न लंबा इंतजार करना पड़ा। फिर प्रधानमंत्री ने वैक्सीन को तीव्र गति से बनाने से लेकर उसे जल्दी से जल्दी लगवाने की जो नीतियां बनार्इं उसी से आज हम विश्व भर में सर्वाधिक सफल हैं।’’


उत्तर प्रदेश में रात का कर्फ्यू खत्म

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां लगभग 22 करोड़ लोग रहते हैं। फिर भी राज्य में कोरोना नियंत्रण में है। 21 अक्तूबर की शाम तक उत्तर प्रदेश में  12,08,840,32 लोगों को कोरोना का टीका लगा दिया गया था। राज्य में कोरोना के रोगी न के बराबर हैं। इस कारण राज्य सरकार ने रात का कर्फ्यू हटा दिया है। कोरोना प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की  देश-विदेश में प्रशंसा हो रही है।

 


केरल में जारी है कहर

जहां पूरे देश में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से घट रही है, वहीं केरल में स्थिति अभी भी चिंताजनक है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 3,000 मरीज मिल रहे हैं। दरअसल, राज्य सरकार की नीतियों के कारण ही केरल में कोरोना काबू में नहीं आ रहा। सरकार वोट बैंक को खुश करने के लिए कोई सख्ती नहीं कर रही। इस कारण राज्य के अनेक हिस्सों में लोग कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहे। राज्य में अब तक केवल साढ़े तीन करोड़ लोगों को ही टीका लगाया गया है।


हिमाचल में सभी को लगा टीका

हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां सभी योग्य लोगों को कोरोना-रोधी टीका लगा दिया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के लोगों की तारीफ करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने टीके को लेकर किए गए दुष्प्रचार पर कोई ध्यान नहीं दिया और बढ़-चढ़कर टीका लगवाया। उन्होंने यह भी कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग टीकाकरण अभियान को किस तरह मजबूत कर रहे हैं।


 

कुरुक्षेत्र के शिक्षाविद् और ‘मृत्युंजय’ और ‘प्रभा’ जैसी पुस्तकों के लेखक रत्नचंद सरदाना कहते हैं, ‘‘चुनौतियां कितनी भी विकराल क्यों न हों, मोदी जी के सम्मुख आते ही लड़खड़ा जाती हैं। कोविड से जहां बहुत देशों के अभी तक हाथ-पांव फूले हुए हैं, वहीं हमारे देश में न केवल मुफ्त में टीके लग रहे हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आई है।’’ सच में यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टीकाकरण अभियान में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

 

ShareTweetSendShareSend
Previous News

देहरादून में दूध की डेयरी की आड़ में बेचते थे गौमांस

Next News

तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान से परेशान इमरान, क्या सरकार करेगी इस ‘आतंकी गुट’ का समाधान!

संबंधित समाचार

गैंगस्टर जमील और रियाज की साढ़े 36 लाख की संपत्ति कुर्क

गैंगस्टर जमील और रियाज की साढ़े 36 लाख की संपत्ति कुर्क

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार : छह माह में 79 हत्या, 26 का रेप, 56 मंदिरों में तोड़फोड़, हैरान कर देगी यह रिपोर्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार : छह माह में 79 हत्या, 26 का रेप, 56 मंदिरों में तोड़फोड़, हैरान कर देगी यह रिपोर्ट

भाजपा के राहुल नार्वेकर की विधानसभा अध्यक्ष पद पर जीत

भाजपा के राहुल नार्वेकर की विधानसभा अध्यक्ष पद पर जीत

जम्मू-कश्मीर : हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

जम्मू-कश्मीर : हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

कन्हैया हत्याकांड के विरोध में जयपुर में जुटा हिन्दू समाज, श्रद्धाजंलि के बाद किया सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ

कन्हैया हत्याकांड के विरोध में जयपुर में जुटा हिन्दू समाज, श्रद्धाजंलि के बाद किया सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ

पुलिस कस्टडी से भाग रहे डकैत कमरुल इस्लाम और अबुल हुसैन एनकाउंटर में ढेर

पुलिस कस्टडी से भाग रहे डकैत कमरुल इस्लाम और अबुल हुसैन एनकाउंटर में ढेर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गैंगस्टर जमील और रियाज की साढ़े 36 लाख की संपत्ति कुर्क

गैंगस्टर जमील और रियाज की साढ़े 36 लाख की संपत्ति कुर्क

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार : छह माह में 79 हत्या, 26 का रेप, 56 मंदिरों में तोड़फोड़, हैरान कर देगी यह रिपोर्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार : छह माह में 79 हत्या, 26 का रेप, 56 मंदिरों में तोड़फोड़, हैरान कर देगी यह रिपोर्ट

भाजपा के राहुल नार्वेकर की विधानसभा अध्यक्ष पद पर जीत

भाजपा के राहुल नार्वेकर की विधानसभा अध्यक्ष पद पर जीत

जम्मू-कश्मीर : हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

जम्मू-कश्मीर : हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

कन्हैया हत्याकांड के विरोध में जयपुर में जुटा हिन्दू समाज, श्रद्धाजंलि के बाद किया सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ

कन्हैया हत्याकांड के विरोध में जयपुर में जुटा हिन्दू समाज, श्रद्धाजंलि के बाद किया सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ

पुलिस कस्टडी से भाग रहे डकैत कमरुल इस्लाम और अबुल हुसैन एनकाउंटर में ढेर

पुलिस कस्टडी से भाग रहे डकैत कमरुल इस्लाम और अबुल हुसैन एनकाउंटर में ढेर

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का महाबलिदान और जम्मू-कश्मीर

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का महाबलिदान और जम्मू-कश्मीर

अयोध्या : हनुमान मंदिर में सो रहे युवक की गला रेत कर हत्या

अयोध्या : हनुमान मंदिर में सो रहे युवक की गला रेत कर हत्या

रक्सौल-नरकटियागंज रेलखंड पर डेमू ट्रेन के इंजन में लगी आग, सभी यात्री सुरक्षित

रक्सौल-नरकटियागंज रेलखंड पर डेमू ट्रेन के इंजन में लगी आग, सभी यात्री सुरक्षित

अमरावती में भी उदयपुर जैसी वारदात! नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर केमिस्ट की हत्या

अमरावती : नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले उमेश का मुख्य हत्यारोपी इरफान खान गिरफ्तार, एनआईए करेगी जांच

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies