2 अप्रैल, 2021 को 23 वर्षीया युवती ने उसके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़ता कांग्रेस कार्यालय में काम करती थी। आरोप है कि 14 फरवरी, 2021 को करण उसे होटल में ले गया था। वहां उसने उसे ड्रिंक में नशा मिलाकर पिलाया। इसके बाद वह उसे अपने फ्लैट पर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। करण ने बार-बार शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया।
कुछ दिन पहले ही राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आरोपी दो दिन में समर्पण नहीं किया तो ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि वह मध्यप्रदेश में नजीर बन जाएगा। साथ ही, उन्होंने उसकी गिरफ्तारी पर घोषित इनाम की राशि 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का आदेश दिया था। शुरुआत में करण पर 5,000 रुपये का इनाम रखा गया था। इससे पहले 19 अक्तूबर को इंदौर पुलिस ने करण के भाई से पूछताछ की थी, लेकिन आरोपी के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिली।
उज्जैन के मक्सी से करण की गिरफ्तारी के बाद नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘मैंने दीवाली से पहले गिरफ्तारी की बात कही थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए सोमवार से लगातार दबिश दी जा रही थी।‘ साथ ही, कहा कि कांग्रेस के नेता महिला अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन बीते 6 माह में कांग्रेस के किसी नेता ने पीडि़ता का हालचाल नहीं पूछा। इसी से कांग्रेस की दोहरी मानसिकता उजागर होती है।
बता दें कि पीडि़त युवती की शिकायत पर करण मोरवाल के खिलाफ भादंसं की धारा 376 (बलात्कार), 376 (2) एन (एक से अधिक बार बलात्कार), 376 (2) जे, 506 (आपराधिक धमकी) और 294 (सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने करण की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। पुलिस ने उसकी संपत्तियों की कुर्की के लिए याचिका दायर की थी।
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