बिहार में किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में जिहादियों ने एक बार फिर से पुलिस दल पर हमला बोला है। पुलिस जब शराब और लॉटरी माफिया सिकंदर को पकड़ने गई तो उन पर इन लोगों ने हमला कर दिया। पहले तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा, लेकिन अंततः अभियुक्त सिकंदर और उसकी पत्नी अंगूरी को गिरफ्तार करने में सफल रही। दरअसल, बिहार का सीमावर्ती क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से काफी संवेदनशील होता जा रहा है। यहां के कुछ जिलों की सीमा बांग्लादेश के काफी समीप है।
किशनगंज 'चिकन नेक' के अंतर्गत है। चीन, नेपाल और बांग्लादेश के समीप रहने से यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है। बिहार के 13 जिले नेपाल की सीमा से सटे हैं। विगत एक दशक में इन इलाकों में अचानक जनसांख्यिकीय बदलाव ने यहां के स्थानीय लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में पिछले एक दशक में मुस्लिम बहुसंख्यक हो गए हैं। किशनगंज की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम हो चुकी है। जनसांख्यिकी बदलाव का असर इस क्षेत्र पर साफ दिख रहा है।
गत 23 अक्तूबर को ठाकुरगंज थानान्तर्गत वशीरनगर में जिहादियों ने पुलिस पर उस वक्त हमला बोल दिया, जब पुलिस वहां के शराब माफिया सिकंदर के घर छापा मारने पहुंची। 22 अक्तूबर को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि वशीरनगर में सिकंदर के घर से शराब का कारोबार चलता है। इसलिए पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा तो सिकंदर और उसके लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। कहा जा रहा है कि सिकंदर बांग्लादेशी घुसपैठियों को पालता है और हमले में वही लोग शामिल हैं।
जिहादी भीड़ द्वारा पुलिस पर हमले की ऐसी घटनाएं किशनगंज में पहले भी घटती रही हैं। इसी वर्ष अप्रैल माह में किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के पंथापाड़ा में तहकीकात के लिए दल—बल के साथ गए किशनगंज थाना के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार पर भीड़ ने हमला बोल दिया था, जिसमें वे शहीद हो गए थे।
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