13 अक्तूबर को बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी उपद्रव शुरू होने के साथ ही, जैसी आशंका जताई जा रही थी, वह आखिरकार सच साबित हुई है। माना जा रहा था कि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और कट्टर मजहबी तत्वों की सरपरस्त बेगम खालिदा जिया की शह प्राप्त मजहबी उन्मादी गुट जमाते इस्लामी का हाथ है। अब जो खुलासा हुआ है उसने इस अनुमान को एकदम सही ठहराया है। जमाते-इस्लामी के कट्टरवादी नेता कमालुद्दीन अब्बासी ने आखिरकार मान लिया है कि बांग्लादेश के हाजीगंज के दुर्गा पूजा मंडप पर हुए हमले में वह शामिल था।
21 अक्तूबर की शाम को चांदपुर के वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद कमालुद्दीन के न्यायालय में कमालुद्दीन ने जुर्म स्वीकार किया है। चांदपुर के पुलिस अधीक्षक मिलन महमूद का कहना है कि जमाते इस्लामी के इस नेता कमालुद्दीन ने उस उपद्रव में शामिल दूसरे मजहबी उन्मादियों नाम भी पुलिस को बताए हैं। उल्लेखनीय है कि अक्तूबर महीने के शुरू में उन्मादियों के एक झुंड ने हाजीगंज बाजार के मंदिर पर हमला बोला था।
बांग्लादेश में मजहबी उन्मादियों द्वारा तोड़ा गया एक दुर्गा पूजा मंडप (फाइल चित्र)
दंगा भड़काए जाने के दिन यानी 13 अक्तूबर को उपद्रव को काबू करने पहुंची पुलिस से दंगाइयों की हिंसक झड़प हुई थी जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी। उस उपद्रव की सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए कमालुद्दीन अब्बासी उपद्रवी भीड़ की अगुआई करते देखा गया था।
पुलिस ने देश भर में फैले हिन्द्र विरोधी हिंसक उपद्रव और आगजनी के करीब 10 मामले दर्ज किए हैं जिनमें करीब 5 हजार अज्ञात लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। इनमें से पुलिस ने अब तक 29 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
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