फ्रांस के गृहमंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है कि वह ऐसे इस्लामिक कट्टरपंथियों में डर पैदा करना चाहते हैं जो उनके देश में आतंक फैलाने पर आमादा हैं। संभावना है कि चिन्हित हुईं 6 अन्य मस्जिदें भी जल्द ही बंद कर दी जाएंगी
फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरवाद के विरुद्ध पूरी तरह कमर कस ली है। गत एक वर्ष के दौरान उसने मजहबी उन्माद फैलाने वाले तत्वों, स्थलों के प्रति संभवत: 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपना ली है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अनेक अवसरों पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरफ ध्यान दिलाया है और मांग की है कि इस नासूर को खत्म करके ही दुनिया में शांति संभव है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमानिन का हाल में आया यह बयान महत्वपूर्ण है कि वह ऐसे इस्लामिक कट्टरपंथियों में डर पैदा करना चाहते हैं जो उनके देश में आतंक फैलाने पर आमादा हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि 30 मस्जिदों पर कड़ी कार्रवाई करके उनको बंद किया जा चुका है। संभावना है कि चिन्हित हुईं 6 अन्य मस्जिदें भी जल्दी ही बंद कर दी जाएंगी।
गृहमंत्री गेराल्ड ने बताया कि नवम्बर 2020 से कट्टरपंथ और उन्मादी भावनाएं भड़काने में लगीं करीब 89 विवादित मस्जिदों की निगरानी की गई थी। इनमें से कुछ बेहद आपत्तिजनक पाई गई हैं। इन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए बीते एक साल में 30 मस्जिदों पर ताले लगवा दिए गए हैं। इससे पहले फ्रांस के गृहमंत्री ने बताया था कि अलगाववाद रोधी कानून को लागू किए जाने से पूर्व ऐसे 650 ठिकानों को ताला लगाया गया था जो चरमपंथियों को पनाह देने के दोषी पाए गए थे। इतना ही नहीं, फ्रांस की पुलिस भी इस दृष्टि से तेजी से हरकत में आई है। पूरे देश में 24,000 स्थानों की गहन जांच की जा चुकी है। आगे और बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के अलग अलग क्षेत्रों में और 6 मस्जिदों को ताले लगाने की तैयारी की जा रही है।
फ्रांस के गृह मंत्री ने बताया कि इस्लाम को राजनीति से जोड़ने की वकालत कर रही 5 मुस्लिम संस्थाओं को भी बंद किया गया है। उनके अनुसार ऐसी करीब 10 संस्थाओं को अभी बंद करना है। इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए फ्रांस ने 205 संस्थाओं के बैंक खाते बंद कराए हैं। दो इमामों को देश से बाहर किया गया है।
इसके अलावा फ्रांस के गृह मंत्री ने 'इयूप सुल्तान' मस्जिद को बनाए जाने का भी विरोध किया है। ऐसे ही, उन्होंने बताया कि इस्लाम को राजनीति से जोड़ने की वकालत कर रही 5 मुस्लिम संस्थाओं को भी बंद किया गया है। उनके अनुसार ऐसी करीब 10 संस्थाओं को अभी बंद करना है। इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए फ्रांस ने 205 संस्थाओं के बैंक खाते बंद कराए हैं। दो इमामों को देश से बाहर किया गया है। गेराल्ड का कहना है कि वे ऐसे लोगों को आतंकित करना चाहते हैं जो उनके विरुद्ध आतंक फैलाने में लगे हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि कहा कि 2023 से किसी को विदेशों से मजहबी प्रचार करने फ्रांस नहीं आने दिया जाएगा और ऐसे जो लोग पहले से यहां मौजूद हैं, उनके यहां रुकने के परमिट को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस ही वह देश है जिसने अल्जीरिया, ट्यूनीशिया तथा मोरक्को वालों वीजा देने की तादाद बहुत कम कर दी है। फ्रांस में शीर्ष संवैधानिक प्राधिकरण ने अलगाववाद रोधी कानून को पहले ही पास किया हुआ है। इस विधेयक को राष्ट्रीय असेंबली में पास किया गया था। विधेयक कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसने के अनेक कड़े प्रावधानों की अनुमति देता है।
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