पश्चिम यूपी डेस्क
एटीएस की गिरफ्त में आए मौलाना कलीम सिद्दीकी के खिलाफ पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को एक और महत्वपूर्ण सबूत मिला है।
एटीएस की गिरफ्त में आए मौलाना कलीम सिद्दीकी के खिलाफ पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को एक और महत्वपूर्ण सबूत मिला है। पुलिस पूछताछ के लिए सौरभ गुप्ता को अपने साथ ले गई है। जानकारी के मुताबिक सौरभ गुप्ता 12 साल पहले सादमा नाम की लड़की के प्रेमजाल में फंस गया था। ये खेल भी कलीम सिद्दीकी के गुर्गों का खेला गया था। सादमा और उसके साथियों की साजिश में सौरभ फंसता चला गया और उसने इस्लाम कबूल कर सादमा से निकाह कर लिया। बदले में कलीम सिद्दीकी और उसके साथियों ने बड़ौत में उसे परचून की दुकान खुलवा कर दी। सौरभ अब रिहान बन गया था और सादमा के कहने पर मुस्लिम मदरसों की जमातों में जाने लगा। खबर है कि मौलाना कलीम ने ही उसे नमाज पढ़ना सिखाया।
ये मामला तब सामने आया जब सौरभ के घर वालों ने हिदू जागरण मंच के नेताओं से संपर्क किया। मंच कार्यकर्ताओं के समझाने पर सौरभ और एक अन्य सुशील जैन की हिन्दू धर्म में वापसी एक बड़े यज्ञ समारोह में करवायी गयी।
खबर है कि सौरभ को और जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस अपने साथ मेरठ ले गयी है। यानी अब पुलिस के पास नितिन पन्त और सौरभ गुप्ता दो ऐसे हिदू शख्स है, जिन्हें मौलाना कलीम ने मुस्लिम बनाया। तीसरे सुशील जैन को भी रडार में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक ऐसे 73 नाम हैं, जिन्हें मौलाना कलीम सिद्दीकी के मदरसों में हिंदू से मुसलमान बनाया गया।
एटीएस की कार्रवाई पर सबसे ज्यादा परेशानी मुस्लिम नेता असुदुदुद्दीन ओवैसी को हुई है। अभी जांच पड़ताल पूरी नहीं हुई कि उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि मौलाना निर्दोष है। जबकि बीजेपी विधायक विक्रम सैनी कहते हैं कि जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही है कि उनके मदरसों के लिए पैसा कहां से आ रहा है ? इस बात का जवाब मौलाना को देना चाहिए और जो लोग उस पर कन्वर्जन का आरोप लगा रहे हैं उसकी जांच होने दीजिए।
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