पश्चिम उत्तर प्रदेश डेस्क
न्यायालय में चल रही मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले की सुनवाई में मंदिर पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने ये दावा किया कि 1968 में कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की नीति के तहत बिना कृष्णजन्म भूमि ट्रस्ट से पूछे 13.37 एकड़ जमीन ईदगाह पक्ष को देकर राजीनामा कर लिया। जबकि यह ट्रस्ट की ज़मीन थी, जिसकी कोई सहमति या अनुमति ट्रस्ट से नहीं ली गई।
न्यायालय में चल रही मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले की सुनवाई में मंदिर पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने ये दावा किया कि 1968 में कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की नीति के तहत बिना कृष्णजन्म भूमि ट्रस्ट से पूछे 13.37 एकड़ जमीन ईदगाह पक्ष को देकर राजीनामा कर लिया। जबकि यह ट्रस्ट की ज़मीन थी, जिसकी कोई सहमति या अनुमति ट्रस्ट से नहीं ली गई।
बाद में 1973 में इस राजीनामे की कॉपी के आधार पर इस जगह की डिक्री भी करवा ली। मंदिर पक्षकारों ने इस डिक्री को शून्य करने की गुजारिश कोर्ट से की है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को की जाएगी। उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर बने ईदगाह को लेकर मथुरा कोर्ट में सुनवाई चल रही है। हिन्दू जनमानस इस स्थान को मुक्त कराने के लिए सालो से प्रयासरत है।
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