वेब डेस्क
तालिबान के बुर्के, हिजाब के फरमान के विरुद्ध पारंपरिक अफगानी परिधानों में अपनी एक से एक तस्वीरें साझा कीं। तालिबानी मुल्लाओं और उनकी मध्ययुगीन सोच के विरुद्ध यह अनोखा विरोध प्रदर्शन दुनियाभर के लोगों को रास आ रहा है। उन्होंने इन महिलाओं के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
स्वाभिमानी अफगान महिलाओं ने शरीयती तालिबान और उनके हिजाब व बुर्के के फरमान की धज्जियां उड़कर रख दी हैं। विदेशों में बसीं अनेक अफगान महिलाएं 13 सितम्बर को सोशल मीडिया पर छाई रहीं। उन्होंने तालिबान के बुर्के, हिजाब के फरमान के विरुद्ध पारंपरिक अफगानी परिधानों में अपनी एक से एक तस्वीरें साझा कीं। तालिबानी मुल्लाओं और उनकी मध्ययुगीन सोच के विरुद्ध यह अनोखा विरोध प्रदर्शन दुनियाभर के लोगों को रास आ रहा है और उन्होंने इन महिलाओं के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि तालिबान लड़ाकों कहा था कि अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत महिलाएं हिजाब और बुर्के में ही दिखनी चाहिए।
बस इसी फरमान के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अफगानी महिलाओं ने अभियान शुरू कर दिया। इसी अभियान के अंतर्गत अफगान मूल की ये महिलाएं पारंपरिक अफगानी परिधान पहने अपनी तस्वीरें साझा कर रही हैं। अफगानिस्तान और दूसरे देशों में रह रहीं महिलाओं ने अपनी तस्वीरों के साथ सैकड़ों ट्वीट किए हैं। अफगान महिलाओं के शुरू किए #AfghanistanCulture अभियान के अंतर्गत इन जागरूक महिलाओं ने तालिबान के जबरिया प्रतिबंधों के विरोध में तेजी लाने के लिए #AfghanistanCulture के साथ #AfghanWomen और #DoNotTouchMyClothes जैसे हैशटैग भी चलाए हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि तालिबान लड़ाकों कहा था कि अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत महिलाएं हिजाब और बुर्के में ही दिखनी चाहिए। बस इसी फरमान के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अफगानी महिलाओं ने अभियान शुरू कर दिया। इसी अभियान के अंतर्गत अफगान मूल की ये महिलाएं पारंपरिक अफगानी परिधान पहने अपनी तस्वीरें साझा कर रही हैं।
टिप्पणियाँ