उत्तराखंड सरकार ने भूतपूर्व सैनिक परिवारों के बच्चों के लिए एक और फैसला लिया है। सरकार ने उन सैनिक आश्रित बच्चों को पचास पचास हज़ार रु देने की घोषणा की है जो सेना या अर्द्धसेना में अफसर बनने की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने भूतपूर्व सैनिक परिवारों के बच्चों के लिए एक और फैसला लिया है। सरकार ने उन सैनिक आश्रित बच्चों को पचास पचास हज़ार रु देने की घोषणा की है जो सेना या अर्द्धसेना में अफसर बनने की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार का मानना है कि सैनिक सेना से 15 साल बाद रिटायर होने के बाद अपने परिवार के साथ ज़िन्दगी जीता है। वह अपने बच्चों को सेना में अधिकारी बनाने का सपना पलता है।
ऐसे कई उदाहरण सामने आए भी हैं जब सैनिक के बेटे अफसर बनें। उत्तराखंड में पूर्व सैनिक मामलों के मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि ऐसे सैनिकों को हमारी सरकार ये विश्वास दिलाना चाहती है कि उनके बच्चों के अधिकारी बनने के सपने जरूर पूरे होंगे।
उन्होंने कहा कि एनडीए और अन्य उच्च सैनिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कई प्रतियोगी परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है। इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को सरकार 50-50 हज़ार की मदद देगी। उन्होने बताया कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के माध्यम से ऐसे बच्चों के आवेदन स्वीकार किये जाएंगे। श्री जोशी ने उम्मीद जताई कि इससे सैनिक आश्रित परिवार का भविष्य और सुधरेगा।
टिप्पणियाँ