अफगानिस्तान पर तालिबानियों के काबिज होने के बाद भाड़े के आतंकवादियों के माध्यम से शांत कश्मीर में खलल डालने की योजना बना रहे पाकिस्तान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ संदेश दिया है। उनके मुताबिक, भारत से दो बार युद्ध में पराजित होने के बाद छद्म युद्ध का सहारा लेकर देश में अशांति फैलाने के उसके मंसूबे को हमारे सुरक्षा प्रहरी कभी सिरे नहीं चढ़ने देंगे।
मीम अलिफ हाशमी
अफगानिस्तान पर तालिबानियों के काबिज होने के बाद भाड़े के आतंकवादियों के माध्यम से शांत कश्मीर में खलल डालने की योजना बना रहे पाकिस्तान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ संदेश दिया है। उनके मुताबिक, भारत से दो बार युद्ध में पराजित होने के बाद छद्म युद्ध का सहारा लेकर देश में अशांति फैलाने के उसके मंसूबे को हमारे सुरक्षा प्रहरी कभी सिरे नहीं चढ़ने देंगे। उनकी हर कोशिशों को नाकाम कर दिया जाएगा।
दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को ऊटी (तमिलनाडु) में थे। वहां वह डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन के संकाय और छात्रों के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान जब से हथियार के बूते अफगानिस्तान पर काबिज हुआ है। अब तक ऐसी कई सूचनाएं और सबूत सामने आए हैं कि तालिबानियों को हथियार और रणनीतिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में न केवल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की अहम भूमिका रही है बल्कि पड़ोसी देश के टुकड़ों पर पल रहे इस्लामिक आतंकवादियों ने भी भरपूर सहयोग दिया है। हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू—कश्मीर में तालिबानियों के साथ काबुल पर कब्जा करने में सहयोग देने वाले जैश और लश्कर के आतंकी जश्न मनाते नजर आ रहे थे। यही नहीं पाकिस्तान का एक नेता भी टीवी चैनल डिबेट में कह चुका है कि तालिबान अब उन्हें ‘कश्मीर फतह’ कर देगा।
ऐसी ही सोच रखने वालों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करारा जवाब दिया है। उनके अनुसार, भारत से दो युद्ध हारने के बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध का सहारा लेना शुरू कर दिया है। आतंकवाद उसकी राज्य नीति का एक अभिन्न अंग बन चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘दो युद्ध हारने के बाद, हमारे एक पड़ोसी देश (पाकिस्तान) ने छद्म युद्ध का सहारा लेना शुरू कर दिया है, और आतंकवाद उसकी राज्य नीति का एक अभिन्न अंग बन गया है। वह आतंकियों को हथियार, फंड और ट्रेनिंग देकर भारत को निशाना बनाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सीमाओं पर चुनौतियों के बावजूद, देशवासियों को आज भरोसा है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में कोई सेंध नहीं लगा सकता। हमें यह विश्वास कि भारत न केवल अपनी जमीन पर आतंकवाद को समाप्त करेगा, जरूरत पड़ने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने से भी नहीं हिचकिचाएगा। मैं उन सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे देश को निशाना बनाने वाले पड़ोसी (पाकिस्तान) को हराया। अगर आज (भारत और पाकिस्तान के बीच) युद्ध विराम सफल होता है, तो यह हमारी ताकत के कारण होता है। 2016 में, सीमा पार हमलों ने हमारी प्रतिक्रियावादी मानसिकता को एक सक्रिय मानसिकता में बदल दिया, जिसे 2019 में बालाकोट हवाई हमले से और मजबूत किया गया।’’
उल्लेखनीय है कि जब से जम्मू—कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा है पाकिस्तान से नियंत्रित होने वाले इस प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों की कमर टूट गई है। बीते दो वर्ष में भारत ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा इतनी मजबूत कर दी है कि अब परिंदे भी पर नहीं मार पा रहे हैं। बीच-बीच में पाकिस्तान सुरंग और ड्रोन के माध्यम से अपने गुर्गों तक कभी हथियार तो कभी पैसे पहुंचाने का प्रयास करता रहता है, पर इसमें भी इसकी चालबाजी नाकाम रही है। ऐसे वक्त में तालिबान के हुकूमत में आने के बाद पाकिस्तान को लगता है कि अपने पालूत आतंकवादियों के माध्यम से वह फिर से जम्मू—कश्मीर में आतंकी गतिविधियां शुरू कर सकता है। मगर राजनाथ सिंह ने उसके गुर्गों को साफ संकेत दे दिया कि सीमा पर कदम रखोगे तो मारे जाओगे!
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