उत्तराखंड ब्यूरो
उत्तराखंड के पहाड़ों में उगने वाले भंगजीरा के अब बनेंगे कैप्सूल। उत्तराखंड सरकार ने निजी क्षेत्र की एक दवा कंपनी को मदद कर सिलिकुई औद्योगिक क्षेत्र में प्लांट लगाने की योजना को साकार किया है।
उत्तराखंड के पहाड़ों में उगने वाले भंगजीरा के अब बनेंगे कैप्सूल। उत्तराखंड सरकार ने निजी क्षेत्र की एक दवा कंपनी को मदद कर सिलिकुई औद्योगिक क्षेत्र में प्लांट लगाने की योजना को साकार किया है। भंगजीरा को अंग्रेजी पेरिल्ला कहते हैं। ठंडे इलाकों में पैदा होने वाले इस औषधीय पौधे की आयुर्वेदिक दवाएं बनती हैं। काले सफेद बीज नुमां भंगजीरा में ओमेगा 3 पदार्थ होता है जोकि कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
ओमेगा 3 मछली और उसके तेल से भी निकलता है। बहुत से लोग शाकाहारी होते हैं, उनके लिए भंगजीरा रामबाण औषधि मानी जाती है। पहाड़ों से भंगजीरा का निर्यात भी दूसरे देशों में होता रहा है।
अब उत्तराखंड सरकार ने ऐसी औषधियों को खुद बढ़ावा देने के लिए यहां उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। भंगजीरा से कैप्सूल बनाकर उन्हें बाजार में उपलब्ध करवाने का कार्य एक निजी कंपनी ने शुरू किया है। इससे पहाड़ के भंगजीरा उत्पादकों को अपनी फसल के सही दाम मिलने की भी संभावना बनेगी।
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