अमरुल्लाह सालेह (फाइल चित्र)
सालेह ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी है। वे तालिबान के कट्टर विरोधी और अपने वतन के प्रति एक
समर्पित राजनेता हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि तालिबान ज्यादा दिन ये मनमानी नहीं चला सकता
अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति और अब खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह ने खुलकर कहा है कि अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान इसे नहीं निगल सकता है।
अफगानिस्तान के दुर्गम क्षेत्र पंजशीर घाटी से कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान को होश में आने को कहा है। अमरुल्लाह सालेह तालिबान के कट्टर विरोधी और अपने वतन के प्रति एक समर्पित राजनेता हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि तालिबान ज्यादा दिन ये मनमानी नहीं चला सकता। राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग निकलने के बाद सालेह अफगानिस्तान में ही रहकर पंजशीर घाटी को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। उन्होंने वहीं से पाकिस्तान को चुनौती दी है कि तालिबान के कंधे पर बंदूक रखकर न चलाए। अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि वह इसे निगलने की जुर्रत तक नहीं सकता। सालेह ने तालिबान को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अफगानिस्तान की धरती इतनी विशाल है कि तालिबान इस पर राज चला ही नहीं सकता।
अमरुल्लाह सालेह अपने साथ अफगानिस्तान के प्रति वफादारों का समर्थन जुटा रहे हैं।
उन्होंने कई ट्वीट करके उन लोगों के प्रति आदर जताया है, जिन्होंने अफगानिस्तान का
झंडा झुकने नहीं दिया है और देश की आन बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमरुल्लाह सालेह अपने साथ अफगानिस्तान के प्रति वफादारों का समर्थन जुटा रहे हैं। उन्होंने कई ट्वीट करके उन लोगों के प्रति आदर जताया है, जिन्होंने अफगानिस्तान का झंडा झुकने नहीं दिया है और देश की आन बचाने की कोशिश कर रहे हैं। एक ट्वीट में वे लिखते हैं, ‘विश्व के देशों को कानून के राज का आदर करना चाहिए, हिंसा का नहीं। अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान उसे निगल नहीं सकता और तालिबान उस पर राज नहीं कर सकता। अपने इतिहास में यह बात शामिल न होने दें कि जिसमें आतंकी गुटों के सामने झुकने या बेइज्जत होने का जिक्र आता हो।'
15 अगस्त को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से निकल जाने पर, 17 अगस्त को सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था। उनके अनुसार, ऐसा उन्होंने संविधान के दायरे में ही किया है।
उधर ताजिकिस्तान में अफगानी राजदूत जहीर अघबर का कहना है कि पंजशीर तालिबान के विरुद्ध अमरुल्लाह सालेह के प्रतिरोध के एक गढ़ के तौर पर काम करेगा।
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