एक मजहबी उन्मादी द्वारा तोड़े जाने की घटना पर जहां पाकिस्तान के सूचना व प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने नाराजगी जाहिर की है, तो वहीं भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में असहिष्णुता बढ़ रही है।
पाकिस्तान में 17 अगस्त को लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को एक मजहबी उन्मादी द्वारा तोड़े जाने की घटना पर जहां पाकिस्तान के मंत्री ने नाराजगी जाहिर की है तो वहीं भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में असहिष्णुता बढ़ रही है।दरअसल लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े एक उन्मादी ने तोड़ दिया था। सोशल मीडिया पर इस घटना वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक पाकिस्तानी कट्टरपंथी नौजवान 'या अली' के नारे लगाता हुआ महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को ध्वस्त कर रहा है। उसकी उन्मादी नारेबाजी उसे कुछ लोगों द्वारा जकड़ने के बाद भी जारी रहती है।
उल्लेखनीय है कि इसी कट्टरवादी गुट के उन्मादियों ने पहले भी दो बार 2019 में लगाई गई महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को ध्वस्त किया था।
पूरे मामले पर पाकिस्तान के सूचना व प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने अपना 'रोष' जाहिर किया उन्होंने कहा है, ‘शर्मनाक, अनपढ़ों का यह झुंड विश्व में पाकिस्तान की छवि के लिए सच में खतरनाक है।’ इसके साथ ही, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ. शाहबाज गिल भी इस घटना को लेकर उपद्रवी पर बिफरे हैं। उन्होंने भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वाले युवक के खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है, ‘ऐसा करना रोगी सोच दर्शाता है। पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।’
फवाद चौधरी ने अपना 'रोष' जाहिर करते हुए कहा है, ‘शर्मनाक, अनपढ़ों का यह झुंड विश्व में पाकिस्तान की छवि के लिए सच में खतरनाक है।’ इसके साथ ही, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ. शाहबाज गिल भी इस घटना को लेकर उपद्रवी पर बिफरे हैं। उन्होंने भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वाले युवक के खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाएगी।
घटना पर मचे बवाल से ऐसा असर पड़ा कि पुलिस फौरन हरकत में आई। पंजाब प्रांत की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ने वाले कट्टरपंथी रिजवान नाम के युवक को गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन पूरी घटना को लेकर भारत में जबरदस्त आक्रोश उपजा। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और उनके पांथिक स्थलों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। वहां की सरकार इन हमलों को रोकने में असफल रही है। 17 अगस्त को ही भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए सम्मान तेजी से घटता जा रहा है। पाकिस्तान सरकार से अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
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