अनुच्छेद 370 निरस्त होने और सरकार द्वारा 2019 के बाद लागू योजनाओं से वाल्मीकि समाज, आदिवासियों, जम्मू-कश्मीर की बेटियों, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और समाज के पिछड़े वर्ग को इंसाफ मिला है।
जम्मू—कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने और सरकार द्वारा 2019 के बाद लागू योजनाओं से वाल्मीकि समाज, आदिवासियों, जम्मू-कश्मीर की बेटियों, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और समाज के पिछड़े वर्ग को इंसाफ मिला है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह गलतियों को सुधारकर सामाजिक न्याय और भेदभाव को दूर करे। श्री सिन्हा ने कहा कि कुछ राष्ट्र विरोधी और विकास विरोधी तत्व लोगों की भावनाओं को भड़का रहे हैं। भूमि कानून को लेकर किसानों के कल्याण के लिए भूमि सुधार किए गए हैं।
उन्होंने सभी नागरिकों को आश्वासन दिया कि जो भी अघोषित युद्ध के जरिए युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनको करारा जवाब दिया जाएगा। पड़ोसी देश का राग अलापने वालों को पता होना चाहिए कि जो अपने लोंगों की देखभाल नहीं कर सकता है वहीं हमारे युवाओं को भड़काने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का जिक्र करते थे। उनके दिखाए गए रास्ते पर चलकर हम जम्मू— कश्मीर में सामाजिक न्याय के लिए कार्यक्रम कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू—कश्मीर में शांति और आपसी भाईचारे को कायम करने की है। साथ ही कहा कि प्रशासन उन परिवारों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनकी संपत्तियों को कुछ तत्वों के प्रभाव के कारण अवैध कब्जा किया गया। मैं सभी नागरिकों को यह कहता हूं कि वह प्रशासन की मदद करें और आपसी भाईचारे का उदाहरण पेश करें।
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