अफगानिस्तान में तालिबान का साथ देने के लिए जिहादी हत्यारे भेजने में व्यस्त पाकिस्तानी हुकूमत अपने यहां सूखे की बनती जा रही परिस्थिति से बेखबर है। बड़े-बड़े शहरों में लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं
पाकिस्तान में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा है। कई शहरों में पानी की भारी किल्लत है, लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। सूखे की मार के कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पानी के लिहाज से पाकिस्तान में आने वाले दिन मुसीबत लेकर आएंगे, अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो।
एएनआई की खबर है कि पाकिस्तान में पानी की इतनी कमी है कि वहां सूखा पड़ सकता है।
पाकिस्तान में स्थितियां लगातार बिगड़ रही है। हैरानी की बात है कि बिजली आपूर्ति भी डगमगाई हुई है। पानी का हाल तो इतना बुरा है कि बड़े से बड़े शहर पानी को तरस रहे हैं। उधर कई शहरों से पानी के जो नमूने लिए गए हैं वे उसे सीवर सरीखा ठहराते हैं, वहां का पानी इंसानों के पीने लायक नहीं पाया गया है।
ज्यादातर शहरों में तो पिछले कई दिनों से पानी ही नहीं नहीं हो रहा है या जहां यह मिल रहा है वहां इतना कम है कि जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं। इमरान सरकार की तरफ से कल नेशनल असेंबली में इस मुद्दे से जुड़े कुछ आंकड़े सामने रखे। उनको देखकर हालात की बड़ी डरावनी तस्वीर झलकती है। पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री शिबली फराज ने जब असेंबली में जो कुछ आंकड़े पेश किए गए, वे असल में विपक्ष की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब का हिस्सा थे। विपक्ष कई दिनों से सरकार को घेरता आ रहा है कि ज्यादातर शहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है, जहां पहुंच रहा है, वहां सिर्फ नाम के लिए। पानी की कमी की सूरत में जल विशेषज्ञों ने खबरदार किया है कि अगा यही हाल रहता है तो पाकिस्तान सूखे की चपेट में आ सकता है।
देश में कई शहरों में भूमिगत पानी की जांच से पता चला है कि उनमें 10 प्रतिशत से ज्यादा में पानी इंसानों के इस्तेमाल लायक नहीं रहा है। जल की विशेषज्ञ संस्था पीसीआरडब्ल्यूआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंध तथा गिलगिट के मीरपुरखास, शहीद बेनजीरबाद (नवाबशाह) में तो पानी सौ प्रतिशत पीने लायक नहीं है।
सरकार की तरफ से असेंबली में रखी रिपोर्ट बताती है कि देश में 29 शहरों में भूमिगत पानी की जांच से पता चला है कि उनमें से 20 शहरों में पानी इंसानों के इस्तेमाल लायक नहीं रहा है। जल की विशेषज्ञ संस्था पीसीआरडब्ल्यूआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंध तथा गिलगिट के मीरपुरखास, शहीद बेनजीरबाद (नवाबशाह) में तो पानी सौ प्रतिशत पीने लायक नहीं है। इसके साथ ही, सियालकोट में करीब नौ जगहों से लिए गए पानी के नमूने पेयजल के हिसाब से पूरी तरह से ठीक पाए गए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के असेंबली सचिव डाक्टर नौशीन हामिद का कहना है कि पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति मिलने वाले पानी का पैमाना लगभग 400 प्रतिशत तक गिर चुका है। दैनिक डान ने हामिद का बयान देते हुए छापा है कि ये बहुत ही चिंता की बात है। बता दें कि पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे घनी आबादी वाला देश है। पानी की हालत ऐसी है कि इस पर गंभीर रूप से सोचना होगा। 2025 में ये समस्या और गहरा जाएगी। लोगों को पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा और जो मिलेगा वह इस्तेमाल लायक नहीं होगा।
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