उत्तर प्रदेश में खराब कानून एवं व्यवस्था के कारण निवेश के नाम से उद्यमी दूर भागते थे. विगत साढ़े चार वर्षों में सुरक्षा की मुकम्मल गारंटी और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर मिला तो निवेश का वातावरण बन गया. इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला था और उनमें से 3.68 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव धरातल पर भी उतर चुके हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब थी. माफियाओं द्वारा व्यापारियों से गुंडा टैक्स वसूला जाता था. कोई निवेश के लिए आगे भी आता था तो महीनों कार्यालयों में अनावश्यक भागदौड़ और भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर पीछे हट जाता था. सड़क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद खराब थे.मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं खुद मुंबई गया. वहां एक ही दिन में ढाई लाख करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव मिला. यूपी में निवेश लाने के लिए देश के छह प्रमुख शहरों में कार्यक्रम करने के लिए अधिकारियों को लगाया.
उन्होंने कहा कि जब हम इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करते हैं तो निवेश के जरिये रोजगार की उपलब्धता भी सुनिश्चित होती है. इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है. इसी उद्देश्य से जितने भी एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं. वहां इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी बनाए जाएंगे. यूपी में हुए निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हुए. इसके अलावा बीते करीब साढ़े चार वर्षों में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई. दो करोड़ से अधिक लोगों को एमएसएमई के जरिये रोजगार मिला. आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य में बेरोजगारी की दर सबसे कम है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे जैसे तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश के लिए हैं. सभी तहसील मुख्यालयों को टूलेन व फोरलेन से जोड़ा जा रहा है. प्रदेश के 54 नाके दूसरे राज्यों से लगते हैं, इसलिए फोकस इंटरस्टेट कनेक्टिविटी पर है. दिल्ली से मेरठ के बीच 12 लेन की सड़क बनाई जाएगी. नवंबर तक आगरा और कानपुर में भी मेट्रो संचालित होने लगेगी. गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ और झांसी में भी मेट्रो पर काम हो रहा है.
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