दिल्ली के नांगल राया गांव में 9 साल की एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म का मामला तूल पकड़ने लगा है। तमाम राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने नांगल गांव पहुंच रही हैं।
दिल्ली के नांगल राया गांव में 9 साल की एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म का मामला तूल पकड़ने लगा है। तमाम राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने नांगल गांव पहुंच रही हैं। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष व्याप्त है। उन्होंने गांव के सामने से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के नांगल राया में पीने के पानी का अभाव है। गांव के लोगों को दूर कहीं से पानी लाना पड़ता है। उसी गांव की 9 वर्षीय बच्ची शाम करीब साढ़े पांच बजे पास के श्मशान घाट के गेट पर लगे नल से पानी लेने गई थी। लेकिन लगभग 40 मिनट बाद श्मशान से कुछ लोग बच्ची के माता-पिता के घर आए। बच्ची के माता-पिता के अनुसार, उन लोगों ने बताया कि बच्ची को कुछ हो गया है। वे लोग भागते-भागते घाट पर पहुंचे। वहां देखा तो बच्ची मृत पड़ी थी। उसके होंठ नीले पड़ चुके थे। साथ ही हाथ पर जले के निशान भी थे। श्मशान के लोगों ने बताया कि करंट लगने से बच्ची की मौत हुई। उसके बाद परिवार की मौजूदगी में आनन-फानन में लाश के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। इधर इस घटना की खबर गांव वालों को लगी। बड़ी संख्या में गुस्साए गांव वाले घाट पर पहुंचे। उन्होंने अधजली लाश पर पानी डालकर आग बुझा दी। गांव वालों ने श्मशान घाट के कर्मियों के साथ मारपीट भी की। इसके बाद पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ आई और अंत में लाश के बचे हुए हिस्से को फॉरेंसिक जांच के लिए साथ ले गई।
राधेश्याम नहीं, सलीम असली आरोपी
जब इस संवाददाता ने धरना स्थल पर गांव वालों से जाकर बातचीत की, तो कई ऐसे तथ्य सामने आए जो बेहद चौंकाने वाले हैं। गांव के ही एक व्यक्ति मुकेश बग्गा ने बताया, "दरअसल स्थानीय श्मशान घाट पर चार-पांच लोग रहते हैं। राधेश्याम उस घाट की देखभाल करता है। वह सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक घाट पर ही रहता है। बाकी तीन लोग वहां आते जाते रहते हैं। लेकिन सलीम श्मशान घाट में स्थाई रूप से रहता है। जिस समय बच्ची पानी भरने गई थी, तब शाम के साढ़े पांच बजे के आसपास का समय था। राधेश्याम घर जा चुका था। उस वक्त वहां सलीम ही था। घटना के बाद सलीम ने राधेश्याम को फोन कर बुलाया जो कि पास के ही सागरपुर गांव में रहता है। राधेश्याम इस घटना की जानकारी पाकर बच्ची के माता-पिता के पास गांव आया था।"
गांव के ही एक अन्य निवासी राहुल ने बताया, "बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं इसकी जांच पुलिस को करनी है। लेकिन अगर कुछ गलत नहीं हुआ और करंट से मौत हुई तो बच्ची का अंतिम संस्कार आखिर जल्दबाजी में क्यों किया जा रहा था ?'' राहुल ने आगे बताया,''बच्ची की मां को मामले को दबाने के लिए 20,000 रु. की पेशकश भी की गई थी। पुलिस को घाट पर सीसीटीवी फुटेज और सलीम के कॉल डिटेल्स भी खंगालने चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो कि अगर बलात्कार हुआ है तो यह अपराध किसने किया है ?" राहुल के अनुसार, सलीम नशे का आदी है। मौके पर शराब की बोतल भी मिली थी।
चंद्रशेखर को भागना पड़ा
उल्लेखनीय है कि भीम आर्मी का नेता चंद्रशेखर आजाद और उसके समर्थकों को धरना स्थल से वापस भागना पड़ा! हुआ यूं कि घटना की जानकारी होने के बाद चंद्रशेखर आजाद रावण ने दिल्ली के नांगल राया गांव में जाने की घोषणा की थी। इसके बाद भीम आर्मी समर्थक गांव के धरना स्थल पर पहुंच गए। समर्थकों के पहुंचने के कुछ ही देर बाद चंद्रशेखर भी वहां पहुंचा। समर्थकों ने धरने के आयोजनकर्ताओं से चंद्रशेखर आजाद को मंच पर बैठाने की इजाजत मांगी, जिसे आयोजनकर्ताओं ने ठुकरा दिया। इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता और आयोजनकर्ताओं के बीच काफी वाद-विवाद भी हुआ। अंततः स्थानीय लोगों ने चंद्रशेखर को मंच पर नहीं चढ़ने दिया। इसके बाद चंद्रशेखर और भीम आर्मी के समर्थक वहां से चुपचाप वापस लौट गए।
बहरहाल, श्मशान के कर्मचारियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, अनु.जाति.-अनु.जनजाति एक्ट समेत कई अन्य धाराओं के तहत रपट दर्ज कर ली गई है। प्राप्त नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इसके साथ ही सलीम सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि एक संदिग्ध फरार है।
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