खुंखार आतंकवादी मसूद अजहर के पाकिस्तान के बहावलपुर में दो अड्डे होना बताता है कि इस्लामी देश अपनी असल सूरत कभी छुपा नहीं सकता। इस खुलासे के बाद एफएटीएफ की ग्रे सूची से पाकिस्तान के बाहर निकलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है
एफएटीएफ के सामने अपना मुंह उजला दिखाने को पाकिस्तानी हुकूमत अपने यहां के आतंकी डेरों को अफगानिस्तान में तालिबान की सरपरस्ती में स्थानांतरित कर रही है। लेकिन अब एक नए खुलासे के बाद एक बार फिर इस्लामी देश की असलियत दुनिया के सामने आई है। पाकिस्तान में खुंखार जिहादी सरगना मसूद अजहर के बहावलपुर में एक नहीं, दो अड्डे होने की बात सामने आई है। रिपार्ट में है कि मसूद अजहर का एक ठिकाना पाकिस्तान के बहावलपुर में उस्मान-ओ-अली मस्जिद के पास है तो उसकी दूसरी पनाहगाह जामिया मस्जिद, सुभानल्लाह में है। इनमें से एक ठिकाना तो उच्च नयायालय की बहावलपुर बेंच से फर्लांग भर की दूरी पर है।अजहर के घर सुरक्षा पाकिस्तान हुकूमत के पास है। वहां हथियारों से लैस जवान तैनात हैं। आतंकवादी के आवास के आसपास सड़क पर अवरोधक लगे हैं यानी भारत का सबसे बड़ा दुश्मन 'मोस्ट वांटेड' अपराधी पाकिस्तानी हुकूमत की हिफाजत में है। इस खुलासे से एक बार फिर यह सिद्ध हुआ है कि भारत का पड़ोसी इस्लामी देश आतंकवाद को पोस रहा है, उसकी पनाहगाह है। जिहादियों के लिए जन्नत है।
रिपोर्ट पाकिस्तान की असलियत एक बार फिर सामने रखते हुए बताती है कि भारत का 'मोस्ट वांटेड' जिहादी सरगना, जिस पर संसद हमले का आरोप है, आतंकवादी संगठन जैशे-मोहम्मद को चलाने वाला मसूद अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर शहर के एक नामी इलाके में ही छिपा बैठा है और उसे सुरक्षा दे रहे हैं
खुद पाकिस्तान के सुरक्षाबल।
स्वाभाविक है कि इस खुलासे से 'नए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री' इमरान खान सांसत में हैं। बहुत हद तक, अब पाकिस्तान के एफएटीएफ से बाहर निकलने की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। दुनिया जान गई है कि पाकिस्तान जिहादियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बजाए उनके लिए जन्नत बना हुआ है। मसूद अजहर एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है।
1999 में कंधार विमान अपहरण कांड इसी मसूद अज़हर को छुड़ाने के लिए किया गया था, जिसके बाद 2000 में मसूद अजहर ने यह आतंकी गुट बनाया था। इस गुट में हरकत-उल-अंसार तथ हरकत-उल-मुजाहिदीन के अनेक जिहादी शामिल हैं। इस गुट का नाम भारत, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी आतंकवादी गुटों की सूची में है। संसद हमले के अलावा, पुलवामा में भी एक आत्मघाती हमले का भी दोषी है मसूद अजहर।
आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ था एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए। लेकिन अब उसकी कलई फिर से खुली है। ग्रे सूची में होने के चलते उस इस्लामी देश को लगभग 38 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।
इस रिपोर्ट के संदर्भ में भारत के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का कहना है कि इस बात के उजागर होने से आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई और मजबूत होगी। केंद्र सरकार निश्चित रूप से इस विषय को वैश्विक मंचों पर दमदारी से उठाएगी। आखिरकार इमरान खान का सच सबके सामने आ गया है।
आतंकी संगठन जैशे मोहम्मद के गठन का मकसद जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाना था। इस साजिश के सहारे वह कश्मीर घाटी को भारत से अलग करना चाहता था। यह जिहादी गुट दुनिया के कई पश्चिमी देशों में भी आतंक फैलाता आ रहा है।
1999 में कंधार विमान अपहरण कांड इसी मसूद अज़हर को छुड़ाने के लिए किया गया था, जिसके बाद 2000 में मसूद अजहर ने यह आतंकी गुट बनाया था। इस गुट में हरकत-उल-अंसार तथ हरकत-उल-मुजाहिदीन के अनेक जिहादी शामिल हैं। मसूद स्वयं भी हरकत-उल-अंसार का बड़ा नेता रह चुका है। उल्लेखनीय है कि जब 2002 में पाकिस्तान ने इसे 'आतंकी गुट' बताकर प्रतिबंधित किया था तब इस गुट ने अपना नाम बदल लिया था और फिर खुद्दाम उल-इस्लाम के नाम से अपनी गतिविधियां चलाने लगा था। इस गुट का नाम भारत, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी आतंकवादी गुटों की सूची में है। बता दें कि संसद हमले के अलावा, पुलवामा में भी एक आत्मघाती हमले का भी दोषी है मसूद अजहर। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे और 40 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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