विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार हमेशा ही, देश की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, उन्हें उठाएगी। साथ ही भारत को विश्वास है कि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में उसके सहयोगी मदद करेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार हमेशा ही, देश की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, उन्हें उठाएगी। साथ ही भारत को विश्वास है कि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में उसके सहयोगी मदद करेंगे। देश की सुरक्षा एवं उससे जुड़े हितों को अपने प्रयासों से पूरा करने की भारत की नीति में उसके कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगी उसके साथ हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ हुई मुलाकात पर उन्होंने कहा कि हमारी उनके साथ मानवाधिकार, लोकतंत्र, तस्करी, प्रौद्योगिकी तथा अफगानिस्तान सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई। सदन में एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारा मजबूत सुरक्षा और संरक्षा सहयोग है। हमने नीतियों का आदान—प्रदान किया है। मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री को विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भारतीय रुख से अवगत कराया है। उचित समन्वय की आकांक्षा रखने के साथ—साथ हमें इतिहास में हुई गलतियों को भी ठीक करना है।
क्वाड तथा दक्षिण चीन सागर में चीन के हस्तक्षेप पर जयशंकर ने कहा कि भारत की अपनी सोच है, जो हिंद-प्रशांत संबंधों पर देश हित को सर्वोपरि रखती है। हम क्वाड को ऐसे मंच के तौर पर देखते हैं, जहां चारों देश पूरी दुनिया के कल्याण के लिए एक साथ आए हैं, जो दुनिया को टीका मुहैया कराने, शिक्षा, संपर्क, नौवहन सुरक्षा से लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं। हमें इस बात पर पूरा विश्वास है कि क्वाड के वास्तविक नजरिये को पूरी दुनिया स्वीकार करेगी, जिसे भारत ने आगे बढ़ाया है।
बताचीत के जरिए निकले समाधान
अफगानिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ इस बारे में विस्तार से बातचीत की और भारत के रुख से उन्हें अवगत कराया। हमारा मानना है कि अफगानिस्तान में बातचीत से राजनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए, सैन्य समाधान कोई उपाय नहीं है और अफगानिस्तान में सेना का उपयोग कर नियंत्रण नहीं किया जा सकता ।
टिप्पणियाँ