अपने खुले विचारों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संगठन ‘आक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन’ के पद पर मार्च 2021 में एक भारतीय हिन्दू लड़की रश्मि सावंत की जीत से मानो आक्सफोर्ड के परिसर में भूकंप आ गया। इसके बाद उन पर वैचारिक आक्रमण का एक निकृष्ट सिलसिला चला और उन्हें पद छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। अब इस बात की पुष्टि विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच रिपोर्ट से भी हो गई है।
इसी साल मार्च महीने में के चुनाव में अप्रत्याशित जीत प्राप्त की थी। इसके बाद उन पर ऐसा दबाव डाला गया कि उन्हें कुछ ही दिन बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस पर आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक समिति बनाकर जांच करने को कहा था। अब उस समिति ने जांच पूरी कर ली है। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि रश्मि को बदनाम करने के साथ—साथ उन पर पद से त्यागपत्र देने का दबाव डाला गया। रश्मि के वकील आदित्य श्रीनिवास ने ट्वीट करके बताया है कि रश्मि सावंत की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी हो गई है। जांच निष्कर्ष संतोषजनक है, लेकिन अभी रिपोर्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देने से मना किया गया है।
रश्मि कर्नाटक के उडुप्पी जिले की रहने वाली हैं। वे इन दिनों आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऊर्जा प्रणाली विषय (एनर्जी सिस्टम्स) से एमएससी कर रही हैं। मार्च महीने में ‘आक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन’ के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो अपने कुछ साथी छात्रों के कहने पर वह भी चुनाव मैदान में कूद गईं और उन्होंने ऐतिहासिक जीत भी हासिल कर ली। उनकी यह जीत सामंती सोच वालों को पसंद नहीं थी। उन्होंने उनका विरोध शुरू कर दिया। इसलिए अगले ही दिन रश्मि का ईमेल, फेसबुक और इंस्टाग्राम आक्रामक प्रतिक्रियाओं से भर गया। उनके पुराने सोशल मीडिया पोस्ट्स को तोड़-मरोड़ कर उन पर अटपटे व बेतुके आरोप लगाए जाने लगे। ‘आक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन’ के पुराने कार्यकर्ता और अन्य शिक्षाविद् मिलकर रश्मि को इस पद से हटाने में लग गए।
रश्मि का जीना मुश्किल कर दिया गया। रश्मि छात्रों के वास्तविक मुद्दों को उठाने के लिए चुनाव लड़ी थीं। उनका चुनावी घोषणापत्र और उनके चुनावी संबोधन भी छात्रों को लेकर थे। इसी कारण उनकी ऐतहासिक जीत हुई। लेकिन शायद रश्मि को आक्सफोर्ड की संस्कृति में गहरे छुपे हिंदू विरोधी और भारत विरोधी तत्वों की जानकारी नहीं थी। इन तत्वों ने आतंक मचा कर रश्मि को इस्तीफा देने के लिए बाध्य कर दिया। रश्मि के इस्तीफे के बाद आक्सफोर्ड के इन तत्वों में खुशी की कोई सीमा नहीं रही थी।
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